(साइबर सिक्योरिटी) साइबर सुरक्षा क्या है जाने सिर्फ 5 मिनट में | Cyber Security In Hindi

साइबर सुरक्षा क्या है (Cyber Security in Hindi), साइबर सुरक्षा की आवश्यकता व फायदे, साइबर हमला क्या है इसके प्रकार (Need & Benefits of Cyber Security in Hindi, Types of Cyber Security, Attack in Hindi)

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साइबर सुरक्षा क्या है – Cyber Security in Hindi

जब से इन्टरनेट की उत्त्पत्ति हुई है तब से हमारे जीवन में बहुत सारे बदलाव आये है। इन्टरनेट जहाँ हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ है वही पर इस से जुड़ी कई चीजे भी सामने आई है जो हमारे लिए खतरनाक हो सकती है। इन्टरनेट पर कई लोगो द्वारा कुछ तकनीको से किसी की जानकारी चोरी करना या जानकारी का गलत फायदा उठाना बहुत देखा जाता है। आज हमे ऐसे ही के विषय साइबर सुरक्षा या साइबर सिक्योरिटी पर बात करेंगे। आइये जानते है साइबर सुरक्षा क्या है (Cyber Security in Hindi) तथा इसे जानने की हमे इतनी अधिक आवश्यकता क्यों है?

Table of Contents

साइबर सुरक्षा क्या है (Cyber Security Kya Hai)

साइबर सुरक्षा के बारे में जानने से पहले हमे यह समझना चाहिए कि आखिर यह साइबर क्या होता है? साइबर का सम्बन्ध कंप्यूटर या कंप्यूटर से जुड़े नेटवर्क से होता हैं जैसे कि इन्टरनेट। अब आपको अंदाजा लग गया होगा कि साइबर सुरक्षा क्या है।

साइबर सुरक्षा एक प्रक्रिया है जिसमे कंप्यूटर, नेटवर्क, सर्वर, मोबाइल डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम आदि को सुरक्षित रखने पर काम किया जाता है। यदि और भी साधारण शब्दों में कहे तो साइबर सुरक्षा इन्टरनेट के नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक उपकरण को किसी बाहरी या अंदरूनी हमलों से बचाना है। ये हमले कुछ भी हो सकते है जैसे व्यक्तिगत जानकारी चुराना, डेटा का गलत ढंग से उपयोग करना या महत्वपूर्ण डेटा को हमेशा के लिए ख़त्म कर देना।

साइबर सिक्योरिटी के प्रकार (Types of Cyber Security in Hindi)

भिन्न-भिन्न प्रकार के साइबर हमलो को रोकने के लिए भिन्न प्रकार की साइबर सुरक्षा हो सकती है आइये जानते है कुछ मुख्य साइबर सुरक्षा के प्रकारों के बारे में –

I. बुनियादी ढांचा सुरक्षा (Infrastructure Security)

अभी तक सबसे अधिक जिस सुरक्षा के प्रति हम सजग रहते है उसे बुनियादी ढांचा सुरक्षा कहते है। बुनियादी ढांचा सुरक्षा मतलब जो चीजे, सूचना एवं संसाधन हमारे पास है उनका किसी दुसरे इन्सान द्वारा दुरूपयोग न होने देना। आपके शहर की सभी गाडियों के नंबर प्लेट की जानकारी आदि की सुरक्षा बुनियादी ढांचा सुरक्षा के ही अंतर्गत आती है।

जरा सोच के देखे इस इन्टरनेट के ज़माने में जब ट्रैफिक लाइट से लेकर हॉस्पिटल के रोगियों का डेटा तक कंप्यूटर में उपलब्ध है अगर किसी गलत हाथ में लग जाये तो। एक छोटी सी चीज से भी बहुत फर्क पड़ सकता है इसलिए इस बुनियादी ढांचा सुरक्षा पर इतना अधिक जोर दिया जाता है।

बुनियादी ढांचा सुरक्षा के मतलब होता है हमसे और हमारी सरकार या देश से जुडी जानकारी का गलत दोहन होने से हर हाल में बचाना ताकि हमारा बुनियादी ढांचा सुरक्षित रह सके।

II. नेटवर्क सुरक्षा (Network Security)

नेटवर्क सुरक्षा से आशय होता है कंप्यूटर नेटवर्क को अंदरूनी या बाहरी हमलो से बचाना। किसी बड़ी कंपनी में तो नेटवर्क सुरक्षा की ओर ध्यान देना ज्यादा जरूरी हो जाता है क्योंकि वहाँ कंप्यूटर कई अन्य कंप्यूटर से जुड़ा होता है जिनकी सहायता से इन्टरनेट पर न जानते कितनी वेबसाइट को देखा जाता है। यदि इन्टरनेट के जरिये हैकर ने एक भी वायरस किसी कंप्यूटर में भेज दिया तो यह कंपनी के पूर्ण कार्य को प्रभावित करेगा

इसलिए आवश्यक है कि नेटवर्क को बाहरी हमलो से बचाने के लिए पहले ही कुछ जरूरी कदम उठा लिए जाये। नेटवर्क सिक्यूरिटी को बेहतर बनाने के लिए आजकल कंपनिया मशीन लर्निंग पर बहुत अधिक ध्यान दे रही है क्योंकि जितनी अधिक मशीनो के बारे में जानकारी होगी उतना ही आसान किसी थ्रेट से बचना होगा।

नेटवर्क सुरक्षा को लागु करने के कुछ उदहारण देखने को मिलते है जैसे –

• नए एवं कठिन पासवर्ड रखना
• पासवर्ड को नियमति तौर पर परिवर्तित करते रहना
• एक्स्ट्रा लोगिंग
• एंटीवायरस प्रोग्राम संचालित करना
• फ़ायरवॉल का उपयोग करना
• इन्टरनेट के एक्सेस को मॉनिटर करना आदि

III. एप्लीकेशन सुरक्षा (Application Security)

आजकल जिस सिक्योरिटी पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है वह हा एप्लीकेशन सिक्योरिटी। अपने सिस्टम को साइबर हमलों से सुरक्षित रखने के लिए एप्लीकेशन सुरक्षा का सहारा लेना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

हमारे कंप्यूटर तथा अन्य कई उपकरणों में एप्लीकेशन का खूब उपयोग किया जाता है एवं ये एप्लीकेशन साइबर हमलों का बहुत ज्यादा शिकार बनती है। एप्लीकेशन का निर्माण करते वक्त या किसी और तरीके से कुछ लोग इन एप्लीकेशन में ऐसी खामियां या वायरस डाल देते है जो हमारी सारी जानकारी को चुरा सके या मिटा सके।

इसी को देखते हुए एप्लीकेशन सिक्योरिटी का प्रयोग किया जाता है जिसमे हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेर तकनीक की सहायता से बाहरी साइबर खतरे का विश्लेषण करती है। जिससे पता चलता है कि एप्लीकेशन की निर्माण प्रक्रिया के दौरान कोई वायरस आदि तो नहीं डाला गया है।

एप्लीकेशन नेटवर्क पर सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला सिस्टम है जिस कारण इसका विकास करने के दौरान सुरक्षा नियमों को अपनाना एक अनिवार्य चरण है। एप्लीकेशन सिक्योरिटी के कुछ प्रकार है –

• फ़ायरवॉल
• एंटीवायरस प्रोग्राम्स
• एन्क्रिप्शन प्रोग्राम्स

इन सभी एप्लीकेशन सुरक्षा से यह पक्का किया जाता है कि कोई भी गैरइजाजत एक्सेस को रोक दिया गया है।

IV. क्लाउड सुरक्षा (Cloud Security)

आपने भी इस बात पर ध्यान दिया होगा कि आजकल जिस सिक्योरिटी की डिमांड सबसे अधिक बढ़ रही है वह है क्लाउड सुरक्षा। अब ऐसा समय आ गया है जब हम अपने डेटा को घर पर नहीं बल्कि इन्टरनेट पर रखना ज्यादा अच्छे मानते है। इन्टरनेट पर किसी सॉफ्टवेर और साईट की मदद से डेटा को सुरक्षित रखना न केवल हम इसके चोरी होने से चिंता मुक्त करता है बल्कि इस डेटा हम कही भी किसी भी समय एक्सेस कर सकते है।

क्लाउड संसाधनों पर डेटा या सूचना को सुरक्षित रखने के लिए ही क्लाउड सिक्योरिटी पर इतना जोर दिया जाता है। क्लाउड सुरक्षा एक सॉफ्टवेयर निर्धारित सुरक्षा टूल होती है जो आपके क्लाउड संसाधन में मौजूद डेटा को मॉनिटर करती है एवं सुरक्षित रखती है।

क्लाउड सिक्योरिटी सर्विस देने वाली कंपनिया डेटा को गुप्त रखने का हर संभव प्रयास करती है फिर भी बहुत लोगो का मानना है कि जरूरी डेटा को अपने पास किसी लॉकर या गुप्त स्थान पर रखना ज्यादा अच्छे है। लोगो का यह सोचना तार्किक भी है क्योंकि हर दिन ना जाने कितने क्लाउड स्टोरेज साईट पर साइबर अटैक होते है। फिर भी क्लाउड संसाधनों को दिन-प्रतिदिन बेहतर बनाया जा रहा है।

V. इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) सुरक्षा

इंटरनेट ऑफ थिंग्स सुरक्षा में बेहद जरूरी एवं कम आवश्यक शारीरिक तंत्र पर ध्यान दिया जाता है। आजकल हम किसी भी मॉल में जाये वहा काफी मात्रा में सिक्योरिटी कैमरे लगे दिख जायगे यह एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स सुरक्षा का ही उदहारण है।

यह साइबर सिक्योरिटी का एक ऐसा प्रकार है जिसकी तरफ हर कोई ध्यान दे रहा है। आपको मॉल, घरो या हॉस्पिटल आदि में सेंसर, कैमरे, तथा डिटेक्टर आदि देखने को मिल जायेंगे। इंटरनेट ऑफ थिंग्स सुरक्षा सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है, लोग सबसे ज्यादा खरीदारी इससे जुड़े उपकरणों की ही करते है।

साइबर सुरक्षा की आवश्यकता क्या है (Need of Cyber Security in Hindi)

जब कोई मुझसे पूछता है कि साइबर सुरक्षा की आवश्यकता क्या है तो मेरा जबाब यही होता है कि कोई आवश्यकता नहीं है। आप कंप्यूटर चलाना छोड़ दीजिये, इन्टरनेट के उपयोग करना बंद कर दीजिये फिर आपको साइबर सुरक्षा की को जरुरत नहीं है। आज के इस युग में जब कंप्यूटर व इससे सम्बन्धित उपकरणों तथा इन्टरनेट के बिना हम बहुत सारे काम करने की सोच तक नहीं सकते तब साइबर सुरक्षा की सबसे अधिक आवश्यकता है। आइये अधिक विस्तार से जानते है साइबर सुरक्षा की जरुरत के बारे में –

  • हर प्रकार का डेटा जो कीमती है उस पर साइबर हमला किया जा सकता है उसे चुराया जा सकता है। हो सकता है आपके लैपटॉप या मोबाइल में कोई ऐसी जानकारी हो जो आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हो, यदि उसके बारे में किसी को पता चल जाये तो आपको बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़े। ऐसे जानकारियों को सुरक्षित रखने के लिय साइबर सिक्योरिटी का सहारा लेना जरूरी है।
  • यह हम सभी जानते है कि बैंकिंग प्रणाली कितनी अधिक सुरक्षित होती है क्योंकि इसमें लोगो क बहुत पैसा जमा होता है। बैंक में बैंक के लिए तैयार किया गया नेटवर्क सुदृढ़ होता है ताकि कोई भी इस जमा धनराशी में फेरबदल न कर सके। इतनी सुरक्षा के बाबजूद भी ऐसी घटना हुई है जब बैंकों पर साइबर हमले हुए है तथा पैसे चोरी किये गए है।
  • इन्टरनेट ने हमारे पैसे के लेनदेन को पूरी तरह से बदल दिया है अब हमे पैसो को किसी दुसरे व्यक्ति को भेजने के लिए कही जाना नहीं पड़ता बल्कि हम अपने लैपटॉप तथा मोबाइल से ही घर बैठे Paytm, Google Pay, Phone Pe द्वारा पैसे भेज देते है। चूँकि हम पैसो को यह लेनदेन इन्टरनेट के जरिए करते है तो यहाँ साइबर हमले होने की आवश्यकता रहती है, इसलिए ही ऑनलाइन लेनदेन में साइबर सिक्योरिटी का इतना ज्यादा ध्यान रखा जाता है।
  • अब वो दिन जा चुके है जब कंपनियों में किसी जानकारी को संरक्षित रखने के लिए फाइलो का उपयोग होता है। प्रत्येक कंपनी में कार्य कंप्यूटर या लैपटॉप की सहायता से किया जाता है तथा इन उपकरणों में ही सभी महत्वपूर्ण जानकरी होती है। इसलिए कंपनिया भी अपनी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सिक्योरिटी का सहारा लेती है।
  • साइबर सुरक्षा की सबसे अधिक जरुरत पड़ती है राष्ट्रीय सुरक्षा में। हमारे देश की किसी भी गोपनीय जानकारी का दुश्मन देश के हाथ लगना बहुत बड़ा खतरा ला सकता है। आजकल अधिकतर देशो का गोपनीय डेटा कंप्यूटर में सुरक्षित रहता है जिसे साइबर हमलो से बचाना बहुत ही अधिक आवश्यक है।

उम्मीद करते है इन पॉइंट्स को पढकर आब आपके मन में नहीं रहा होगा कि साइबर सिक्योरिटी की हमे क्यों इतनी अधिक आवश्यकता है।

👉 क्या आपने यह पोस्ट पढ़ी > कैप्चा क्या है इसके कैसे आसानी से हल करे?

साइबर हमला क्या होता है (What is Cyber Attack in Hindi)

हम अखबारों में पढ़ते है या समाचारों में सुनते रहते है कि उस देश की उस संस्था पर साइबर हमला हुआ या किसी महत्वपूर्ण सोशल मीडिया साईट पर साइबर हमला हुआ। हम इस बारे में सुनते तो है लेकिन बहुत ही कम लोगो को पता होता है कि आखिर साइबर हमला क्या होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दू साइबर हमला आप या मुझ पर किसी पर भी हो सकता है, और हम पर ये होते भी रहते है।

आपके कंप्यूटर या कंप्यूटर नेटवर्क, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आदि से इन्टरनेट के जरिये किसी जानकारी को चुराना या उसका गलत इस्तेमाल करना साइबर हमला कहलाता है। मान लीजिये आपके मोबाइल में कोई मैसेज आता है जिसमे कोई लिंक दिया रहता है आप उस लिंक पर क्लिक करते है। उस लिंक पर क्लिक करने की बजह से आपके बैंक खाते से कुछ पैसे या सारे पैसे चोरी हो जाते है इस प्रकार की घटना साइबर हमले के अंतर्गत आती है। सोशल मीडिया अकाउंट का हैक होना. बैंको के सिस्टम का हैक होना भी साइबर हमले का ही एक रूप है।

उम्मीद है आपको साइबर हमले की परिभाषा पूर्ण रूप से समझ आ गयी होगी। आइये अब जानते है साइबर हमले कितने प्रकार के होते है।

साइबर हमलों के प्रकार (Types of Cyber Attack in Hindi)

कंप्यूटर तथा इन्टरनेट के उदय के बाद से ही साइबर हमलो की शुरुआत हो गयी थी। लेकिन जैसे-जैसे इन्टरनेट, कंप्यूटर तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आधुनिक होते गए वैसे-वैसे साइबर हमले भी एडवांस होते गए एवं उनके नए रूप सामने आये गए। साइबर हमलों के कुछ प्रकार निम्नलिखित है –

a. मैलवेयर (Malware)

जिस साइबर अटैक के बारे में हम सबसे अधिक सुनते है वह है मैलवेयर। समाचारों में या अखबारों में खबर आती रहती है कि मैलवेयर हमला हुआ तथा उस से यह नुकसान हुआ। अंग्रेजी शब्द Malware दो शब्दों से मिलकर बना है Malicious + Software से। malicious software वो सॉफ्टवेयर होते है जिनका उद्देश्य उपयोगकर्ता को किसी न किसी रूप में नुकसान पहुचना होता है।

मैलवेयर के कई प्रकार हो सकते है जैसे – वायरस, वोर्म्स, ट्रोजन्स तथा स्पाईवेयर आदि। मैलवेयर अटैक करने वाले किसी वायरस तथा स्पाईवेयर के रूप में लोगो के कंप्यूटर का संचालन हासिल कर लेते है तथा किसी भी प्रकार से लोगो को हानि पहुँचाते है। मैलवेयर हमले जैसे वायरस आदि में कुछ वर्षो से तीव्र वृद्धि हुई है जिस कारण एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का चलन बहुत बढ़ा है।

b. रैंसमवेयर (Ransomware)

रैंसमवेयर भी एक तरह का मैलवेयर ही होता है लेकिन इसका हमला करने का उद्देश्य कुछ भिन्न होता है। रैंसमवेयर एक ऐसा मैलवेयर है जो कंप्यूटर नेटवर्क सिस्टम को बंद कर सकता है तथा इसका डाटा भी बर्बाद कर सकता है। इस प्रकार के साइबर हमले लोगो की गोपनीय जानकारी को सार्वजानिक करने के लिए किये जाते है

हाल ही में जो अधिकतर रैंसमवेयर हमले हुए है वे इन प्रदेशो व देशो की सरकारों पर हुए है जिन्हें टारगेट करना आसान था। आप ने भी कई सरकार से जुड़ी हुई वेबसाइटो से जानकारी प्राप्त की होगी ऐसे ही साइट्स को हकेर्स द्वारा ज्यादातर टारगेट किया जाता है।

c. फिशिंग या सोशल इंजीनियरिंग

यह सबसे सामान्य प्रकार का साइबर हमला है जिसके बारे में आप अवश्य जानते होंगे। आपके मोबाइल में भी कभी न कभी ऐसे फ्रॉड मैसेज होंगे जिनमे आपकी व्यक्तिगत जानकरी पूछी गयी होगी। ऐसे मैसेज किसी कम्पनी के नाम से भी आते है कि आपने लॉटरी जीत ली है और आपको यह विवरण देना होगा जैसे बैंक अकाउंट, पैन कार्ड आदि तथा आपके बैंक में पैसा ट्रान्सफर कर दिया जायगा। इस तरह से फिशिंग तकनीक की सहायता से लोगो से धोकेबजी की जाती है।

फिशिंग या सोशल इंजीनियरिंग हमले अधिकतर ईमेल या टेक्स्ट मैसेज की ही शक्ल में होते है। आजकल ऐसे साइबर हमले लोगों को घर बैठे नौकरी देने का नाम पर बहुत किये जा रहे है। एक ईमेल आता है कि आपको यह नौकरी मिल सकती है तथा वेतन भी अच्छा है बस आपको कुछ बेसिक विवरण हमार साथ साझा करना है फिर आपको इंटरव्यू के लिए कॉल आएगी। इस तरह से साइबर अपराधी लोगो को नुकसान पहुँचाते है इसलिए बिना जाँच-पड़ताल किये अपनी व्यक्तिगत संवेदनशील जानकारी किसी को नडी दे।

d. डीडीओएस हमला (Distributed Denial-of-service)

DDOS तरह के हमले किसी वेबसाइट, सर्वर तथा बड़े नेटवर्क को विफल करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार के साइबर हमले उन नेटवर्क तथा सर्वर पर किये जाते है जिन से बड़ी तादाद में लोग जुड़े होते है। हम सभी गूगल का उपयोग करते है मान लो गूगल पर डीडीओएस अटैक होता है और हम इसे कुछ समय के लिए उपयोग नहीं कर पाते, तो ऐसी स्तिथि में गूगल को एवं हमें भी नुकसान होगा। भूतकाल में ऐसे कई साइबर हमले हो चुके है जब लोगो को एक प्रतिष्ठित एवं बड़ी वेबसाइट को एक्सेस करने से रुका गया हो।

e. अंदरूनी हमला

जैसे की इस साइबर हमले का नाम से ही पता चल रहा है ऐसे हमले उन लोगो से द्वारा ही किये जाते है जिनसे सिस्टम या कंप्यूटर नेटवर्क को एक्सेस करने का अधिकार है। कोई कार्यरत या पहला कर्मचारी, बिज़नस पार्टनर संवेदनशील जानकारी को एक्सेस करने के गलत फायदा उठाकर ऐसे हमले करते है। इस प्रकार के हमलो का उद्देश्य कम्पनी को एक बड़ी नैतिक और आर्थिक हानि पहुँचाना होता है।

अंदरूनी हमलो से बच पाना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि ये उन लोगो द्वारा किये जाते है जिन पर हमने विश्वास करके सारी गोपनीय जानकारी दे दी है। इसलिए आवश्यक है ऐसा कोई भी डाटा जो कंपनी या सरकार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो उसे जिस हद तक हो सके छुपा कर रखे।

f. दो नेटवर्क के मध्य से हमला (Man-in-the-middle-attacks)

आपने भी मेरी तरह कई बार लोगों को कहते सुना होगा या अखबारों में पढ़ा होगा कि सार्वजानिक जगहों पर लगे वाईफाई (WiFi) का इस्तेमाल करने से बचे। होता क्या है सार्वजानिक वाईफाई इतना मजबूत नहीं होता तथा हैकर आसानी से नेटवर्क को एक्सेस करने आपको जानकरी चुरा सकते है, या यह जान सकते है कि आप मोबाइल या लैपटॉप पर कौन-से वेबसाइट देखते है तथा क्या करते है। इसलिए हो सकते तो अपने वाईफाई का पासवर्ड किसी के साथ साझा न करे।

हमने यहाँ कुछ साइबर हमलो के प्रकारों के बारे में जाना, इनके आलावा भी कई भिन्न तरह के साइबर अटैक आपको देखने व सुनने को मिल जायेंगे।

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साइबर हमलो से खुद को कैसे बचाए (Tips to Save Yourself From Cyber Attack in Hindi)

जैसे कि हमने ऊपर जाना साइबर हमले न सिर्फ किसी देश व कम्पनी के लिए बल्कि किसी व्यक्ति के लिए भी बहुत खतरनाक साबित हो सकते है। इसलिए बेहद जरूरी है कि ऐसी सुरक्षा तकनीक अपनाई जाए, जिनके द्वारा ज्यादातर साइबर अटैक से बचा जा सके। साइबर क्राइम से बचने की टिप्स निम्नलिखित है

#1. मजबूत पासवर्ड रखे

हमें जिस भी डिवाइस का उपयोग करते है उसका पासवर्ड बहुत मजबूत होना चहिये। कुछ महीनों पहले गूगल ने कमजोर पासवर्ड की लिस्ट जारी की थी जिसमे 12345, Password (शब्द), मोबाइल नंबर या लोगो के जन्मदिन की दिनाँक ही पासवर्ड थी। गूगल ने ऐसे पासवर्ड रखने पर चेतावनी दी है क्योंकि ऐसे पासवर्ड आसानी से ढूंढे जा सकते है। कभी भी अपना मोबाइल नंबर, अपना पता, जन्मदिन, बच्चों के नाम पासवर्ड न रखे। एक मजबूत पासवर्ड में कठिन शब्दों व चिन्हों का उपयोग करे तथा छोटे व बड़े शब्दों दोनों को मिलाये, जैसे – A, a, #, $, @ & आदि।

कुछ कमजोर /आसान पासवर्ड के उदहारण –

  • 12345
  • 1234567
  • Password
  • देश का नाम
  • शहर का नाम
  • अपना नाम
  • जन्मदिन दिनाँक

कुछ मजबूत /कठिन पासवर्ड के उदहारण

  • दो नामों को मिलाकर बना पासवर्ड जैसे – raHulvikas121@
  • भिभिन्न चिन्हों का प्रयोग करके बना पासवर्ड जैसे – iNter&net@$@
  • नंबर व अक्षरों से मिलकर बना पासवर्ड, जैसे – Two12@three$98$

हमेशा एक कठिन पासवर्ड बनाये तथा उसे अच्छे से याद कर ले या फिर लिखकर किसी गोपनीय स्थान पर सुरक्षित रखे।

#2. आवश्यकता से अधिक जानकारी ना दे

जब हम इन्टरनेट पर कुछ ढूँढ़ते है या खरीदते है तो हमें कुछ न कुछ जानकारी प्राप्त करानी ही होती है। हो सके तो अपनी पूर्ण जानकरी कभी भी इन्टरनेट पर किसी को न दे। उदहारण के लिए किसी का नाम राहुल चौधरी है, तो वो इन्टरनेट पर राहुल कुमार नाम से जानकारी प्राप्त करे, अगर ऐसा करना मुमकिन है तो। आपके पुरे नाम का एक भाग भी आपको कई साइबर हमलो से बचा सकता है।

यदि आप किसी वेबसाइट से कुछ खरीदारी कर रहे है तो उस पर अपने आधार कार्ड वाले नाम के बजाये अलग नाम से खरीदारी करे या नामा आधा ही उपयोग करे। ऐसा करने से किसी के लिए भी आपके बारे में विवरण प्राप्त करने में थोड़ी कठनाई अवश्य होगी।

#3. कंप्यूटर या मोबाइल के ऑपरेटिंग सिस्टम, सॉफ्टवेर तथा मोजूद एप्लीकेशन को अपडेट रखे

यदि आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल को नियमित रूप से अपडेट नहीं करते है तो आप साइबर अपराधियों के निशाने पर शीघ्र ही आ सकते है। कोई भी उपकरण कम्पनी अपने उपकरणों के ऑपरेटिंग सिस्टम काऔर सॉफ्टवेयर का अपडेट दो कारणों से लाती है एक तो नए बेहतर फीचर जोड़ने के लिए दूसरा किसी समस्या को खत्म करने के लिए।

यदि आप अब भी पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम एवं सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे है तो आप के सॉफ्टवेयर में अब भी वो दिक्कत है। इसलिय जरूरी है आप अपने सॉफ्टवेयर आदि को अपडेट करते रहे। मोबाइल में एप्लीकेशन के अपडेट आते रहते है इन्हें समय पर अपडेट करना न भूले। मोबाइल से जानकारी ज्यादातर एप्लीकेशन के ही जरिये चुरायी जाती है।

#4. ईमेल का सुरक्षित उपयोग

आजकल मैलवेयर, वायरस आदि को कंप्यूटर लैपटॉप में पहुचाने का साइबर अपराधियों का सबसे प्यारा माध्यम है ईमेल। हम में से अधिकतर व्यक्ति प्रतिदिन ईमेल भेजते है तथा प्राप्त करते है, इसलिए साइबर क्रिमिनल ईमेल को इतना टारगेट करते है। कभी भी ऐसे ईमेल को ना खोले जो आपको थोड़ा अजीब लगे, इन ईमेल में लिंक दिया होता है जिन पर क्लिक करते ही आपके मोबाइल या कंप्यूटर में वायरस आ जाता है। इसलिए हेमशा उन लोगो को के ईमेल ही खोले जिनसे आप पूरी तरह परिचित है, या जिनसे आपके व्यापारिक सम्बन्ध है।

#5. सार्वजानिक वाईफाई (WiFi) का इस्तेमाल न करे

कई बड़े शहरों में ऐसे स्थान होता है जहाँ मुफ्त में इस्तेमाल करने के लिए वाईफाई लगा होता है। कई होटलों में या कई भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मुफ्त वाईफाई की सुविधा दी जाती है। हम में से काफी लोग फ्री वाईफाई देखकर टूट पड़ते है पर यह नहीं सोचते कि इस अकेले वाईफाई को कितने लोग इस्तेमाल कर रहे है। जब आप एक ही वाईफाई से जुड़े होते है तो हैकर्स के लिए आपकी डिवाइस को ट्रैक करना बड़ा की शुगम हो जाता है। इसलिए अगर बहुत ज्यादा मजबूरी न हो तो सार्वजानिक जगहों पर लगे वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचे।

#6. एंटीवायरस का उपयोग करे

यदि आप लैपटॉप और कंप्यूटर का उपयोग करते है तो आपने एंटीवायरस के बारे में अवश्य सुना होगा। हम टेलीविज़न या सोशल मीडिया पर भी कई एंटीवायरस कंपनियों के विज्ञापन देखते है। एंटीवायरस कंपनियां यह दावा करती है कि उनका एंटीवायरस अपनी डिवाइस में उपयोग करने के बाद आप साइबर हमलो से पूरी तरह सुरक्षित हो जायेंगे। ऐसा तो सच नहीं है कि एंटीवायरस आपको पूरी तरह से नकारात्मक साइबर गतिविधियों से बचा लेगा परन्तु काफी हद तक साइबर हमलों के प्रभाव को कम करने में सहायक जरूर है। आप किसी अच्छी रेटिंग वाले एंटीवायरस का उपयोग अवश्य करे, इसके आलावा ऊपर बताई गयी सतर्कता जरूर बरते।

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साइबर सुरक्षा के फायदे (Benefits of Cyber Security in Hindi)

साइबर सुरक्षा को उपयोग में लेन के अनेक लाभ है इसलिए हर किसी को इस पर ध्यान देना चाहिए। आइये जानते है साइबर सुरक्षा के फायदे –

  • साइबर सुरक्षा किसी व्यक्ति और संगठन के व्यक्तिगत और संवेदनशील डेटा को चोरी होने से बचाता है।
  • यह उपकरणों के हैक होने की सम्भावना में कमी करता है जिससे सिस्टम के खराब होने व क्रैश होने में भी कमी आती है।
  • साइबर सुरक्षा कंपनी के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान निभाता है। अगर कंपनी के डेटा ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो कम्पनी किसी भी हाल में प्रतिद्वंदी व दुश्मनों से होने वाले नुकसान से नहीं बच सकती।
  • साइबर सुरक्षा किसी कंप्यूटर या सिस्टम की उन खामियों के बारे में पता लगाने में सहायक है जिनकी बजह से साइबर अपराधी सिस्टम या सर्वर तक अपनी पहुँच बनाता है। यह ऐसी खामियों के बारे में पता लगाकर उन्हें दुरुश्त भी करती है।
  • यह मैलवेयर, वायरस, स्पाईवेयर, ट्रोजन वर्म्स आदि हानिकारक सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर सिस्टम में प्रवेश करने से रोकती है जिस कारण हमारा डेटा चोरी होने से एवं उसका गलत उपयोग होने से बच जाता है।
  • यदि डेटा चोरी के लिया गया है तो उसे आसानी से वापस लाया जा सकता है यदि आपने सही साइबर सिक्योरिटी तंत्र का इस्तेमाल किया है।

इन लाभों के अतिरिक्त भी साइबर सुरक्षा के अनेक लाभ (Benefits of Cyber Security in Hindi) है। हमे अपनी गोपनीयता को बनाये रखने व डेटा को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सुरक्षा का सहारा अवश्य लेना चाहिए।

FAQ (सवाल-जबाब)

साइबर अटैक क्या है?

साइबर अटैक या साइबर हमला एक गतिविधि होती जिसमे इन्टरनेट के जरिये लोगो के कंप्यूटर, सर्वर आदि से जानकारी को चुराया जाता है या जानकारी का दुरपयोग किया जाता है!

साइबर सिक्योरिटी का मतलब क्या होता है?

साइबर सिक्योरिटी से मतलब होता है इन्टरनेट से जुड़े कंप्यूटर नेटवर्क, सिस्टम तथा अन्य उपकरणों से डेटा चोरी होने से बचाना, मतलब साइबर हमलो को रोकना! व्यक्तिगत या कंपनी की जानकारी चुराने के लिए कई प्रकार के साइबर हमले किया जाते है!

आज हमने क्या जाना?

आज हमने साइबर सुरक्षा क्या है (Cyber Security in Hindi) के इस आर्टिकल में साइबर सिक्योरिटी क्या है, साइबर सिक्योरिटी के प्रकार, साइबर सुरक्षा के उपयोग, तथा फायदों के बारे में जाना। हम आशा करते है आपको साइबर हमला क्या होता है (Cyber Attack in Hindi), एवं साइबर हमलो से बचने की टिप्स की जानकारी बहुत पसंद आई होगी।

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