India China Dispute: भारत व चीन के बीच सीमा को लेकर काफी समय से सीमा विवाद चल रहा हैं. आज विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन को बहुत खरी-खरी सुनाई

क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर जी?
विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से चीन और भारत के संबंध काफी खराब है। यह तनावपूर्ण स्थिति ने तो भारत के लिए अच्छी है और नहीं चीन के लिए।
यदि नए मानदंड बनाए जाते हैं तो मनोवृति नई प्रतिक्रियाओं को जन्म देगी।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के एक हिस्से से सैनिकों की वापसी के बावजूद चीन और भारत के रिश्ते अभी सामान्य नहीं हुए हैं।
इस मुद्दे पर विदेश मंत्री जयशंकर ने नई दिल्ली में’नए युग में चीन की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध’पर आयोजित सेमिनार में चीन की तरफ से द्विपक्षीय रिश्तो को सामान्य बनाने की कोशिश को सिरे से खारिज किया।
साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि भारत ने पहले जो आत्म नियंत्रण की नीति अपना रखी थी, वह पुरानी बात हो गई। विदेश मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, नया युग सिर्फ चीन का नहीं है।
जयशंकर ने कहा अब भारत ज्यादा आत्मनियंत्रण की नहीं सोचेगा
विदेश मंत्री जयशंकर कॉन्फ्रेंस ऑफ सेंटर फार कंटमपररी चाइना स्टजीड द्वारा आयोजित किए गए सेमिनार में पहुंचे और वहां उन्होंने अपने भाषण के माध्यम से भारत और चीन के संबंधों को लेकर कुछ बातें स्पष्ट कर दिए हैं।
उन्होंने कहा-करीब सात दशकों में भारत ने चीन के साथ अपने रिश्तो को दो पक्षी आधार पर लिया। इसके पीछे कई वजह थी है.
जैसे एशियाई देशों के बीच सहभागिता को बढ़ाना या अपने अनुभव की वजह से किसी तीसरे पक्ष के हितों के प्रति संदेह का होना।
भारत ने चीन के साथ अपने रिश्ते को लेकर काफी ज्यादा स्वयं नियंत्रण दिखाया. लेकिन अब यह समय बीत चुका है, नया युग चीन का नहीं है।
जयशंकर ने कहा, भारत चीन के साथ एक स्थिर व संतुलित रिश्ता बनाना चाहता है। 2020 के अनुभव के बाद सीमा पर प्रभावशाली रक्षा तंत्र पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
कोविड-के बावजूद इस पर काम किया गया। सीमा पर अमन शांति स्पष्ट तौर पर रिश्तो को सामान्य करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है। कई बार सीमा विवाद के संदर्भ में इसे गलत तरीके से भी पेश किया जाता है।
चीन का कहना है कि दोनों देशों ने सीमा विवाद को सुलझा लिया है लेकिन भारत का कहना है कि स्थिति पहले जैसी नहीं हुई है।
जयशंकर ने स्वीकार किया कि वर्ष 2020 से पहले की स्थिति को बाहर करना आसान नहीं है। लेकिन इस काम को अलग नहीं रखा जा सकता। यह काम तभी होगा जब एक दूसरे का आदर करें, एक दूसरे की संवेदना व हितो का ख्याल रखें।
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