इलाहाबाद (प्रयागराज) के 9 पर्यटन स्थल | Allahabad Tourist Places in Hindi

प्रयागराज में घूमने की जगह (Allahabad Tourist Places in Hindi) इलाहाबाद के पर्यटन स्थल, कैसे घूमे, क्या प्रसिद्ध है (When to Visit Allahabad, Time, Prayagraj Tourist Visiting Places in Hindi)

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इलाहाबाद में घूमने की जगह – Prayagraj Tourist Places in Hindi

इलाहाबाद उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। इसका नाम अब बदल कर प्रयागराज कर दिया गया है। यहां पर गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों का संगम होता है। इसी कारण से यह एक तीर्थ नगरी भी है।

प्रयागराज में बहुत से पर्यटन स्थल है जिन्हें देखने के लिए हर वर्ष हजारों की संख्या में लोगों का जमावड़ा लगता है।

इस शहर का इतिहास भी काफी गौरवशाली है। इस शहर में चंद्रशेखर जैसे महान क्रांतिवीर ने अपने प्राणों की बलि दी थी। और कहां जाता है कि सृष्टि के निर्माण के बाद ब्रह्मा जी ने प्रथम यज्ञ प्रयागराज में ही किया था तभी से यह स्थल तीर्थ स्थल कहलाया। तीनों नदियों के संगम के कारण इस स्थल को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।

प्रयागराज में 12 वर्ष में कुंभ के सांस्कृतिक और पारंपरिक मेले का आयोजन भी किया जाता है। कुंभ के मेले के अलावा यहां पर एक ओर सांस्कृतिक मेले का आयोजन किया जाता है, इस दूसरे मेले का आयोजन प्रत्येक वर्ष जनवरी के महीने में किया जाता है। प्रयागराज अपने बहुत से पर्यटन स्थलों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है आइए स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

प्रयागराज का इतिहास (Prayagraj History in Hindi)

कहा जाता है कि 643 ई० में चीन देश का एक यात्री हुआन त्सांग ने कई हिन्दुओं को इस जगह पर निवास करते देखा था। इस चीनी यात्री के अनुसार यह स्थान हिन्दुस्तानियों के लिए बहुत ही पवित्र स्थान था। वैदिक युग में प्रयागराज को कोसाम्बी के नाम से भी जाना जाता था।

आधुनिक समय में सन् 1575 ई० में मुग़ल राजा अकबर ने “इलाहाबास” नामक शहर बसाया था जिसका मतलब था अल्लाह का शहर। धीरे-धीरे शहर का नाम इलाहाबास से इलाहाबाद हो गया था। इस शहर पर कई सालों तक मुगलों का कब्ज़ा रहा तथा बाद में अंग्रेजो ने इस पर कब्ज़ा कर लिया था।

इलाहाबाद सन् 1857 ई० में स्वतंत्रता संग्राम के लिए भी यह शहर केंद्र बिंदु बना रहा था। सन् 2018 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया।

प्रयागराज की संक्षिप्त जानकारी (Allahabad Brief Information)

प्रयागराज को सन् 2018 से पहले इलाहबाद नाम से पुकारा जाता था। प्रयागराज उत्तर प्रदेश का एक बहुत बड़ा शहर है। अगर इस शहर को जिले के रूप में देखे तो प्रयागराज जनसँख्या की द्रष्टि से उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला हैं तथा भारत का 13वाँ सबसे बड़ा जिला है।

पर्यटन स्थल प्रयागराज (इलाहाबाद )
प्रदेश उत्तर प्रदेश
प्रयागराज का क्षेत्रफल (शहर)365 वर्ग किमी०
अधिकारिक भाषा हिंदी
क्षेत्रीय भाषा अवधि
जनसँख्या (शहरी)16 लाख लगभग
प्रमुख धर्म हिन्दू
स्थापना वर्ष वैदिक काल तथा सन् 1575 अकबर द्वारा

इलाहाबाद भारत की तीन मुख्य पवित्र नदियाँ गंगा, यमुना, सरस्वती का भी संगम है, इस कारण भी यह शहर सनातनियों के लिए एक पवित्र शहर हैं।

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इलाहाबाद (प्रयागराज) के दर्शनीय पर्यटन स्थल (Allahabad Tourist Places in Hindi)

प्रयागराज एक ऐसी नगरी है जिसमें पर्यटन के लिए आपके पास बहुत से विकल्प हैं। यहां पर जाकर आप पवित्र मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं और त्रिवेणी संगम में स्नान भी कर सकते हैं।

इन सभी में आपको भारतीय इतिहास की झलक देखने को मिलेगी जोकि आपके लिए काफी उत्साह पूर्ण और आश्चर्यजनक होगा। आइये जानते है इलाहाबाद या प्रयागराज में घूमने की जगह के बारें में –

1. इलाहाबाद का किला

त्रिवेणी संगम के पास इलाहाबाद का यह किला मौजूद है। यह किला इलाहाबाद के इतिहास की एक महान धरोहर मानी जाती है। अकबर ने इसके लिए को संगम तट पर बनवाया था, त्रिवेणी संगम तट पर स्थित होने के कारण यह पर्यटन का एक मुख्य केंद्र भी है। साथ ही यह वास्तुकला का एक खूबसूरत नमूना है।

लेकिन इस किले को अंदर से पूरी तरह नहीं देखा जा सकता क्योंकि सरकार द्वारा इस किले का कुछ हिस्सा प्रतिबंधित किया गया है। इस किले में आपको अक्षय वट, अशोक स्तंभ जैसी अलौकिक चीजों के दर्शन होंगे। यहां पर स्थित अक्षय वट की एक मान्यता है कि यह वृक्ष अमर है, धरती पर प्रलय आने के बाद भी यह वृक्ष नष्ट नहीं होगा।
इस वृक्ष के पास ही एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है। जिसमें देवी देवताओं की मूर्ति विराजमान है। इस किले के बारे में एक कहावत यह भी है कि इस किले को बनवाने का मकसद केवल हिंदुओं के पवित्र वृक्ष अक्षय वट को कवर करना था। जब कभी भी आप प्रयागराज में पर्यटन करने आए तो इस किले का पर्यटन अवश्य करें।

2. त्रिवेणी संगम

जिस स्थान पर गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों का संगम होता है, उसे ही त्रिवेणी संगम कहा जाता है। संगम पर आपको गंगा और यमुना का जल अलग-अलग रूपों में दिखाई देता है। और सरस्वती नदी का जल यहां पर गुप्त होता है। आप उसको स्पष्ट तरीके से नहीं देख सकते।

हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए आते हैं। इस संगम को लेकर यह मान्यता है कि जो भी इस संगम में स्नान करता है उसका जीवन धन्य हो जाता है। त्रिवेणी संगम का पर्यटन करना एक बहुत बड़ी बात है। प्रयागराज में लगने वाला कुंभ का मेला भी त्रिवेणी संगम पर ही आयोजित किया जाता है।

कुंभ के मेले की प्रसिद्धि के बारे में तो सभी को ज्ञात है कि यह कितना विशाल मेला होता है और एक बहुत ही बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं।

त्रिवेणी संगम पर आप नाव की सवारी का आनंद भी ले सकते हैं। नाव में बैठकर त्रिवेणी संगम का दृश्य और भी अद्भुत दिखाई देता है।

3. आनंद भवन

प्रयागराज में पर्यटन का एक मुख्य केंद्र आनंद भवन भी है। जी हां आनंद भवन।
यह वही भवन है जो नेहरू गांधी के परिवार का पुश्तैनी घर हैं। इस मकान को मोतीलाल नेहरू जी द्वारा बनवाया गया था। लेकिन वर्तमान समय में आनंद भवन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यालय में बदल गई दिया गया है।

इस भवन को देखने के लिए टिकट लगता है। इस भवन में बहुत ही ऐतिहासिक चीजों को रखा गया है जैसे -चंद्रशेखर आजाद कि वह गन भी यहां मौजूद है, जिससे उन्होंने स्वयं को गोली मारी थी।

इस आनंद भवन में जवाहर तारामंडल भी स्थित है। इस भवन में ऐसे नाटक प्रस्तुत किए जाते हैं जिसमें आप चांद तारों को अपने आसपास महसूस कर सकते हैं। यह नाटक दर्शकों को काफी पसंद आते हैं।

इस भवन में आपको इंदिरा गांधी के जीवन से जुड़ी हुई बहुत सी जानकारियां भी मिल जाएंगी। साथ ही साथ आनंद भवन के अंदर गांधी परिवार की कुछ दुर्लभ तस्वीरें भी देखने को मिलेगी, इन सब चीजों को देखने के बाद हम यकीन से कह सकते हैं कि आपकी यहां की यात्रा व्यर्थ नहीं जाएगी। आनंद भवन को इंदिरा गांधी ने भारत सरकार को दान में दे दिया था तभी से इसकी रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी सरकार पर है।

4. भारद्वाज आश्रम और पार्क

इन दोनों पर्यटन स्थलों को ऋषि भारद्वाज के नाम पर रखा गया है। ये पर्यटन स्थल आनंद भवन से थोड़े समय की दूरी पर स्थित है।

भारद्वाज पार्क की बात करें तो यह पार्क देखने में काफी विशाल और सुंदर है। यहां पर स्थित ऋषि भारद्वाज की मूर्ति के कारण, यह आकर्षण का एक मुख्य केंद्र है। इस मूर्ती को देखने के लिए पर्यटकों का, इस पार्क में आना जाना लगा रहता है।

भारद्वाज पार्क से 250 मीटर की दूरी पर भारद्वाज आश्रम स्थित है। इस आश्रम में ऋषि भारद्वाज रहा करते थे और अपने शिष्य को शिक्षा प्रदान किया करते थे। इस आश्रम में आपको ऋषि भारद्वाज की कुछ ऐसी वस्तुएं देखने को मिलेगी जिन्हें देखकर आपको विश्मय होगा क्योंकि वो सब वस्तुएं आधुनिक समय में दुर्लभ है।

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5. खुसरो बाग

खुसरो बाग इलाहाबाद का सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। इस बाग की इमारतों की संरचना इतनी सटीक है कि उस समय के कारीगरों की जितनी तारीफ की जाए कम है। इसकी बनावट में मुगल वास्तुकला की छाप दिखाई देगी।

खुसरो बाग में तीन मकबरे हैं। इन मकबरा को लाल रंग के बलुआ पत्थर से बनाया गया है। यह मकबरे मुगल परिवार को श्रद्धांजलि देने के लिए बनवाए गए थे। इस बाग में चारों ओर काफी सारे पेड़ लगे हुए हैं, जिनमें कुछ फलों के पेड़ और कुछ फूलों के पौधे भी हैं।

इस जगह पर शांतिपूर्ण वातावरण देखने को मिलता है। जो लोग एकांत वाली जगह को अधिक पसंद करते हैं ,वो लोग ऐसी जगह पर जाना अधिक पसंद करते हैं। साथ ही साथ इस बाग में प्रकृति की हरियाली चारों ओर बिखरी हुई है तो मन को यहां आकर अजीब सा सुकून मिलेगा। यदि आप अपने मस्तिष्क से परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो ऐसी जगह पर जरूर जाएं।

6. इलाहाबाद का अशोक स्तंभ

इलाहाबाद का यह स्तंभ हमारे भारतीय इतिहास की एक महान धरोहर है। इस स्तंभ को उस समय के सम्राट अशोक द्वारा स्थापित कराया गया था। जब इस स्तंभ को स्थापित किया गया था उसी समय उन्होंने और भी बहुत से स्तंभों को बनवाया था। लेकिन यह स्तंभ उन सभी स्तंभों से कुछ अलग था।

यह अशोक स्तंभ बलुआ पत्थर से निर्मित किया गया था। कहा जाता है कि इसकी संरचना में समुद्रगुप्त और जहांगीर युग के शिलालेख देखने को मिलते हैं। यह स्तंभ सेना की भूमि पर स्थित है। इसीलिए जब भी कोई पर्यटक इस स्तंभ को देखने का इच्छुक होता है तो उसे अनुमति लेनी पड़ती है। बिना अनुमति के इस स्तंभ के पास कोई भी नहीं जा सकता है।

7. बड़े हनुमान जी मंदिर

प्रयागराज में हिंदू धर्म के सारे मंदिर है लेकिन यहां के त्रिवेणी संगम घाट पर स्थित बड़े हनुमान जी का मंदिर काफी अद्भुत है। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा को इतनी सुंदर तरीके से बनाया गया है कि मानो धरती पर स्वयं भगवान उतर आए हो।

यह मंदिर गंगा नदी से कुछ ही दूरी पर स्थित है। जब कभी भी गंगा में उफान आता है तो हनुमान जी की प्रतिमा को कुछ समय के लिए अपने अंदर समा लेता है। हिंदू धर्म में मान्यता रखने वाले लोग इस मंदिर में हर वर्ष जाते रहते हैं और विदेशों से भी पर्यटन के लिए कुछ विदेशी पर यहां इस प्रतिमा को देखने के लिए आते हैं.

इसके विशाल रूप को देखकर प्रसन्न चित्त हो जाते हैं । और हनुमान जी के बारे में जाने के इच्छुक हो जाते हैं। यदि आप भी कभी इलाहाबाद आए तो इस मंदिर में अवश्य जाएं।

8. नैनी ब्रिज

नैनी ब्रिज प्रयागराज का सैर करने की दृष्टि से एक बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है। यह ब्रिज इतना खास है कि हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पर घूमने के लिए आते रहते हैं। और आजकल के युवाओं ने तो इसे सेल्फी प्वाइंट बना दिया है।

सुबह और दोपहर की तुलना मे शाम को अधिक संख्या में स्थानीय पर्यटक यहां आते हैं। यह पुल यमुना नदी के ऊपर बनाया गया है। यहां से आप जमुना की लहरों का लुफ्त उठा सकते हैं। लहरों की कल कल करती हुई आवाज पर्यटकों के मन को शांति का अनुभव कराती है। विदेशी पर्यटक भी यहां पर पर्यटन के लिए आते हैं। और यहां के नजारे का आनंद लेते हैं।

9. चंद्रशेखर आजाद पार्क

चंद्रशेखर आजाद पार्क, महान क्रांतिवीर चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि देने के लिए बनवाया गया था क्योंकि यह वही स्थान है जहां पर उस महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों को आत्मसमर्पण ना करने का फैसला लिया और स्वयं को गोली मारकर आत्मदाह कर लिया था।

यह पार्क 36 एकड़ के विशाल क्षेत्र में बना हुआ है। क्षेत्र को कंपनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता है।
इस पार्क में घूमने के लिए विदेशी और स्थानीय पर्यटक हजारों की संख्या में आते हैं। इस पार्क में देखने के लिए कुछ प्रतिमाएं हैं जैसे रानी विक्टोरिया की विशाल प्रतिमा और चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा है।

इसके अलावा इस पार्क में वोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं। और जिन पर्यटकों की रूचि पुस्तक को पढ़ने में होती है उनके लिए यहां पर एक इलाहाबाद का सार्वजनिक पुस्तकालय भी बनवाया गया है।

प्रयागराज के प्रसिद्ध मंदिर (Prayagraj Temple in Hindi)

प्रयागराज को पुरे विश्व में एक धार्मिक नगर के रूप में देखा जाता रहा है. आज हम इलाहाबाद के मंदिर के बारें में जानकारी प्राप्त करेंगे. आइये जानते है इलाहाबाद के प्रसिद्ध मंदिर के बारें में –

मंदिर (Temple)स्थान (Location)
श्री मनकामेश्वर मंदिरफोर्ट रोड, कीडगांग, इलाहाबाद (प्रयागराज), उत्तर प्रदेश
अलोपी शंकरी देवी शक्ति पीठ मंदिरअलोपी बाग, इलाहाबाद (प्रयागराज), उत्तर प्रदेश
हनुमान मंदिरचौराहा, सिविल लाइंस, इलाहाबाद (प्रयागराज), उत्तर प्रदेश
इस्कॉन मंदिरबालूघाट, मुट्ठी गंज, इलाहाबाद (प्रयागराज), उत्तर प्रदेश
नागवासुकी मंदिरदारागंज घाट, दारागंज, इलाहाबाद (प्रयागराज),
बेनी माधव मंदिरनिराला मार्ग, दारागंज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
कल्याणी देवी मंदिर नैनी ताल रोड, जयहिंद कॉलोनी के पास, नैनी बाजार, नैनी, प्रयागराज

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प्रयागराज कैसे पहुंचे?

प्रयागराज एक सांस्कृतिक शहर है तथा हिंदुओं के लिए इसे बहुत धार्मिक माना जाता है। इस वजह से यहां पहुंचने के लिए कई साधन मौजूद है। आप भारत के विभिन्न भागो से आसानी से इस शहर में पहुंच सकते हैं। आइए जानते हैं आप अन्य शहरों से इलाहाबाद प्रयागराज कैसे पहुंच सकते हैं।

1. ट्रेन द्वारा (By Train)

अगर आप ट्रेन की सहायता से इलाहाबाद आने की सोच रहे हैं तो यह भी इस शहर को आने का एक बहुत आसान साधन है। प्रयागराज के लिए आपको देश के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, वाराणसी, बैंगलोर आदि बड़े शहरों से ट्रेन के माध्यम से जुड़ा है।

2. सड़क द्वारा (By Road)

सड़क से होते हुए प्रयागराज आना भी बहुत ही आसान है कई सारी सड़कें व हाईवे सीधा बड़े शहरों में प्रयागराज के बीच मिलते हैं। इस शहर के लिए लगातार उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर तथा नोएडा शहर से उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की बस चलती रहती है। राष्ट्रीय राजमार्ग 2 इस शहर से होता हुआ सबसे मुख्य हाईवे है तथा इससे होते हुए आप कई बड़े शहरों से प्रयागराज पहुंच सकते हैं।

3. वायुयान द्वारा (By Airways)

यदि आप फ्लाइट से प्रयागराज या इलाहाबाद आना चाहते हैं तो ऐसा करना भी बहुत ही आसान है। प्रयागराज के लिए आपको उत्तर प्रदेश के शहर लखनऊ तथा वाराणसी से भी फ्लाइट मिल जाएगी। आप मुंबई व दिल्ली से भी इलाहाबाद एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं।

आप बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद से इलाहाबाद के पास में ही मौजूद लखनऊ, वाराणसी तथा कानपुर के एयरपोर्ट पर भी सीधे आ सकते हैं एवं प्रयागराज के धार्मिक स्थलों का आनंद उठा सकते हैं।

FAQ (सवाल-जवाब)

प्रश्न – इलाहाबाद की प्रसिद्ध मिठाई क्या है?

उत्तर – इलाहाबाद या प्रयागराज आकर आपको गुलाब- जामुन, इमरती तथा दही-जलेबी का स्वाद जरूर लेना चाहिए।

सवाल – प्रयागराज क्यों फेमस है?

जवाब – प्रयागराज भारत की पवित्र नदियां गंगा, यमुना तथा सरस्वती का संगम है। यहां लगने वाले कुंभ मेले के कारण भी यह बहुत फेमस है।

सवाल – प्रयागराज का पुराना नाम क्या था?

जवाब – प्रयागराज का पुराना नाम इलाहाबाद था जिसे मुगल राजाओं के नाम पर रखा गया था।

आज हमने क्या जाना?

आज की इस पोस्ट में हमने प्रयागराज या इलाहाबाद के पर्यटन स्थल (Allahabad Tourist Places in Hindi) के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसी के साथ हमने प्रयागराज में क्या प्रसिद्ध है, प्रयागराज के प्रसिद्ध मंदिर आदि के बारे में भी जानने की कोशिश की।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको इलाहाबाद या प्रयागराज में घूमने की जगह (Prayagraj Ghumne Ki Jagah) के बारे में लिखी यह पोस्ट बहुत पसंद आई होगी। ऐसी ही जानकारी के लिए हमारे इस लेख को पढ़ते रहें।

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