उदयपुर में घूमने की जगह (Udaipur Tourist Places in Hindi) कब जाए, कैसे घूमे, क्या प्रसिद्ध है (When to Visit Udaipur, Time, Udaipur Tourist Visiting Places in Hindi)

उदयपुर एक ऐसा शहर है जहां पर आपको संस्कृति और कला की ऐसी झलक देखने को मिलती है जैसी आपने कहीं और नहीं देखी होगी। यह शहर राजस्थान राज्य के अंतर्गत आता है। यहां की झीले भी काफी प्रसिद्ध है। यह एक बहुत खूबसूरत शहर है। यहाँ आकर आपको इस बात का पूरा अनुमान लग जाएगा कि राजा-महाराजा अपना जीवन किस तरह व्यतीत किया करते थे।
उदयपुर के किलो में भव्य संस्कृति के और शिल्प कला के दर्शन देखने को मिलते हैं। यहां की वास्तुकला का सौंदर्य तो देखते ही बनता है। कहा जाता है जो व्यक्ति राजस्थान की असली सुन्दरता को करीब से देखना चाहता है उसे जयपुर, उदयपुर तथा जोधपुर शहर तो देखने ही चाहिए।
तो आज हम आपके बताने वाले है उदयपुर के पर्यटन स्थल या उदयपुर के दर्शनीय स्थलों के बारे में। आइये जानते है उदयपुर में घूमने की जगह के बारे में –
उदयपुर का संक्षिप्त इतिहास (History of Udaipur in Hindi)
उदयपुर की स्थापना सन् 1559 में मेवाड़ राज्य के राजा महाराज उदय सिंह द्वितीय द्वारा की गई थी। सन् 1553 ईस्वी तक उनकी राजधानी चित्तोरगढ़ थी। लेकिन अकबर ने चित्तोरगढ़ को घेर लिए था इसलिए उदय सिंह द्वितीय को अपनी राजधानी उदयपुर स्थान्तरित करनी पड़ी।
सन् 1818 तक इसे ही मेवाड़ क्षेत्र के एक मुख्य शहर के रूप में चलाया गया, जब तक अंग्रेजो ने इस पर अपना आधिपत्य नहीं कर लिया। अंग्रेजो के कब्जे के कारण ही मेवाड़ प्रान्त राजस्थान का ही एक अंग बन गया।
उदयपुर के बारें में संक्षिप्त जानकारी (Udaipur Brief Information)
इस शहर मे कुछ भव्य महल भी है जिसमें आपको काफी सुंदर कलाकृतियां देखने को मिलेंगी जिन्हें देखकर आपका मन प्रफुल्लित हो जाएगा। यह शहर अपनी झीलों के कारण “झीलों की नगरी” के नाम से भी जाना जाता है।
उदयपुर में स्थित किलो और महलों में राजाओं के जीवन की झलक देखने को मिलती है और ये आश्चर्यजनक नजारे ही पर्यटकों के मन को आकर्षित करते हैं।
पर्यटन स्थल (शहर) | उदयपुर |
राज्य | राजस्थान |
स्थापना वर्ष | सन् 1559 ई० |
उदयपुर नाम क्यों पड़ा? | राजा उदय सिंह के नाम पर |
अधिकारिक भाषा | हिंदी |
क्षेत्रीय भाषा | मेवाड़ी (राजस्थानी) |
क्षेत्रफल | 64 वर्ग किमी० |
उदयपुर शहर की जनसँख्या | 6 से 7 लाख |
प्रमुख धर्म | हिन्दू |
उदयपुर शहर अरावली पर्वतों की श्रंखला से घिरा हुआ हैं तथा यहाँ की आठ झील इसे बहुत ही खूबसूरत बनाती हैं। यहाँ की मुख्य 5 झीलें है – फ़तेह सागर झील, पिछोला झील, स्वरुप सागर झील, दूध तलाई झील तथा रंगसागर झील।
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उदयपुर के दर्शनीय पर्यटन स्थलों की सूची (List of Udaipur Tourist Places in Hindi)
यदि आप भी सर्च करते है कि उदयपुर में घूमने की जगह कौन-कौन सी है तो बता से यहाँ पर घूमने की जगह बहुत सी हैं, जहाँ आपको जाने पर बहुत से सुन्दर अनुभव होंगे। आइये जानते है उदयपुर के पर्यटन स्थलों के बारे में –
1. लेक पैलेस
उदयपुर में स्थित यह पैलेस सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह पर्यटन स्थल उदयपुर की प्रसिद्ध पिचोला झील के किनारे पर बना हुआ है। यह राजस्थान का सबसे बड़ा महल माना जाता है। इस लेक पैलेस में विवाह समारोह संपन्न किए जाते हैं। इस पैलेस की वास्तु कला काफी भव्य है।
यह पैलेस बहुत सी बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा भी रह चुका है। क्योंकि यह देखने में इतना भव्य है कि हर कोई इस जगह आना पसंद करता है। यहां का हैंगिंग गार्डन भी पर्यटक को के मन को मोह लेता है। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पर्यटन के लिए आते रहते हैं। और यहां के खूबसूरत नजरों का लुफ्त उठाते हैं।
2. बागोर की हवेली
बागोर की हवेली, उदयपुर में स्थित दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह हवेली पिचोला झील के समीप स्थित है। इस हवेली का ,”बागोर की हवेली” नाम बागोर के नाम पर रखा गया जोकि महाराणा शक्ति सिंह का निवास स्थान था। लेकिन महाराणा शक्ति सिंह ने इसका निर्माण नहीं कराया था बल्कि इसका निर्माण मेवाड़ के शाही दरबार के मुख्यमंत्री अमीरचंद बड़वा द्वारा किया गया था।
वर्तमान समय में इस हवेली को बतौर संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है जिसमें पर्यटकों को यहां की संस्कृति और कला के दर्शन देखने को मिलते हैं। इस हवेली के संग्रहालय में आपको प्राचीन आभूषण, तांबे के बर्तन आदि चीजें देखने को मिलेंगे।
बागोर की हवेली इतनी विशाल है कि इसमें 100 से अधिक कमरे हैं जिनमें आपको अलग-अलग वास्तुकला के दर्शन देखने को मिलते हैं।यदि आप कभी पर्यटन के लिए उदयपुर आते हैं तो इस हवेली के दर्शन अवश्य करें क्योंकि इसका इतिहास काफी अनूठा है।
3. सहेलियों की बाड़ी
उदयपुर में स्थित यह स्थल काफी लोकप्रिय और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। सहेलियों की बाड़ी का निर्माण संग्राम सिंह द्वारा करवाया गया था। इस स्थल को बनवाने का एकमात्र कारण रानी और उनकी सहेलियों को उपहार के रूप में एक ऐसी धरोहर देनी थी जहां पर रानी अपनी सहेलियों के साथ एकांत में समय बिता सके और वार्तालाप कर सकें। इस जगह के बगीचे को राजा संग्राम सिंह ने स्वयं की कल्पना के आधार पर निर्मित कराया था।
यह एक ऐसी जगह थी जहां पर रानी अपनी सहेलियों के साथ आराम कर सकती थी। और यह जगह आज भी बिल्कुल वैसी ही है। आज भी यहां पर एकांत है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर से बचकर लोग अक्सर इस जगह पर अकेले में समय व्यतीत करने आते रहते हैं। कुछ सालों में तो यह पर्यटन का मुख्य स्थल बन गया है।
4. मोती मगरी
यह जगह उदयपुर में फतेह सागर झील की अनदेखी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। कहा जाता है कि इस जगह का निर्माण महाराणा प्रताप और उनके प्रिय घोड़े चेचक की स्मृति में श्रद्धांजलि देने के लिए करवाया गया था। यह एक ऐसी जगह है जहां से आप बहुत से आकर्षक दृश्यों को देख सकते हैं।
मोती मगरी एक ऐसी जगह है जहां पर आपको महाराणा प्रताप से जुड़ी बहुत ही रोचक जानकारियां प्राप्त हो सकती है यदि आप महाराणा प्रताप के जीवन के विषय में जानने में रुचि रखते हैं तो इस जगह का पर्यटन जरूर करें। यहां पर आपको महाराणा प्रताप के जीवन के बारे में पता लग सकता है।
5. पिचोला झील
पिचोला झील प्राकृतिक झील नहीं है। इसे कृतिम तरीके से बनाया गया है। यह झील उदयपुर की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध झील है। लेकिन इस झील के दृश्य बिल्कुल प्राकृतिक झील के समान ही हैं। सुंदर दृश्यों के मामले में यह झील प्राकृतिक झील के समान दर्शनीय और अद्भुत है।
शाम के समय यहां का नजारा काफी मनमोहक होता है। यदि इस समय आप इस झील में नाव की सवारी करते हैं तो मन को अधिक प्रसन्नता का अनुभव हो सकता है। नाव की सवारी के बिना पर्यटकों का यहां पर पर्यटन करना अधूरा रहेगा।
संध्या काल में सूरज की किरणों का इस झील के पानी में दिखाई देना मन को मोह लेता है। यह झील चारों ओर से हरियाली से घिरी हुई है। और सुबह के समय जब चिड़ियों की चहचहाहट यहां पर सुनाई देती है तो मन को एक अजीब सा सुकून मिलता है। यदि आप उदयपुर पर्यटन के लिए आते हैं तो यहां पर आना ना भूलें।
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6. सज्जनगढ़ पैलेस
यह पैलेस राजस्थान के उदयपुर की सीमा पर स्थित है। सज्जनगढ़ पैलेस मेवाड़ वंश की धरोहर है। महाराजा सज्जन सिंह के नाम पर ही इस पैलेस का नाम सज्जन गढ़ पैलेस रखा गया था।
कहा जाता है कि मानसून के बादलों का पता लग लगाने के लिए इस महल को अरावली की ऊंची पहाड़ियों पर बनवाया गया था। इसी वजह से इस महल का नाम मानसून महल भी पर गया था।
इस महल की ऊंचाई कितनी है कि इस महल से पूरे शहर का नजारा देखा जा सकता है। इतनी ऊंचाई से शहर में बसे घर बहुत छोटे-छोटे प्रतीत होते हैं। यहां की खूबसूरत दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं और इस सुंदर नजारे का लुफ्त उठाते हैं। यदि आप भी कभी उदयपुर आए तो सज्जनगढ़ पैलेस जाना ना भूले।
7. फतेहसागर झील
उदयपुर के पर्यटन स्थलों में फतेहसागर झील का नाम भी शामिल किया गया है। यह झील उदयपुर की दूसरी सबसे बड़ी झील है। इस झील के दृश्य इतनी सुंदर है कि आपके मन को मोह लेंगे।
यहां पर प्रकृति की ऐसी छटा देखने को मिलती है जो मन को शांति देती है। इस जगह पर आप नाव की सवारी के साथ-साथ और भी अन्य जल क्रीड़ा कर सकते हैं। इस झील के पास आपको पार्क ,रेस्टोरेंट और बच्चों के लिए चिड़ियाघर की सुविधा भी मुहैया कराई गई है।
इस झील के चारों ओर सुंदर हरियाली और ऊंचे ऊंचे पहाड़ हैं जो शाम के समय काफी सुंदर दिखाई देते हैं। दूर-दूर से पर्यटक इस सुंदर नजारे को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं और पर्यटन का आनंद लेते हैं।
8. विंटेज कार म्यूजियम
यह म्यूजियम उदयपुर में काफी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर राजाओं ,महाराजाओं द्वारा इस्तेमाल की गई पुरानी मॉडल की गाड़ियां रखी गई है। इन गाड़ियों को महाराणा प्रताप के वंशजों द्वारा चलाया गया था। इन आलीशान गाड़ियों को देखने से आपको राजघराने की झलक देखने को मिलेगी।
इन गाड़ियों के मॉडल इतने अनूठे हैं कि आपके मन को आकर्षित करेंगे। इन कारों को देखकर आप एक बात का अंदाजा तो लगा सकते हैं कि राजा भी नए नए मॉडलों की गाड़ियों के शौकीन हुआ करते थे। यदि आप भी ऐसे अनूठे मॉडल देखना पसंद करते हैं तो आपको पर्यटन के लिए विंटेज कार म्यूजियम में अवश्य आना चाहिए। क्योंकि अब ऐसे मॉडल देखने को नहीं मिलते। यह मॉडल विलुप्त हो चुके हैं क्योंकि टेक्नोलॉजी बदल चुकी है।
9. जगदीश मंदिर
यह मंदिर उदयपुर के सिटी पैलेस में स्थित है। जगदीश मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर की मूर्तियों की कलाकृति इतनी सजीव है कि मानो लगता है कि अब बोल पड़ेंगे। उस समय के मूर्तिकारों ने इन मूर्तियों में अपनी एक अद्भुत कला दर्शाई है।
इस जगह का वातावरण इतना भव्य और शांतिपूर्ण है कि पर्यटकों को काफी पसंद आता है।
इस मंदिर की एक खास बात यह भी है कि मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति को सिर्फ एक काले पत्थर द्वारा बनाया गया है और यह मूर्ति 4 हाथों वाली अद्भुत और दर्शनीय मूर्ति है। इस मूर्ति के चारों ओर चार और मूर्तियां है जो भगवान गणेश , सूर्य भगवान, शंकर जी और शक्ति देवी की हैं। पर्यटन की दृष्टि से यह एक अच्छा स्थल है।
10. जगमंदिर पैलेस
यह पैलेस उदयपुर में स्थित है। इस पैलेस को इस्लामिक वास्तु कला से बनाया गया है। यह एक बहुत ही सुंदर विशाल और भव्य महल है। इस महल का एक अन्य नाम”द लेक गार्डन पैलेस”भी है।
इस महल की इमारत संगमरमर और पीले बलुआ पत्थर से बनाई गई है। इस भव्य महल के चारों ओर बहुत ही विशाल और आकर्षक हाथी की मूर्तियां बनाई गई है। इन मूर्तियों को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे यह महल की रखवाली कर रही हो। यह भव्य महल पिचोला झील के दक्षिणी द्वीप पर स्थित है।
पर्यटन की दृष्टि से यह एक बहुत ही खास दर्शनीय स्थल है क्योंकि इस महल के चारों ओर पानी है। और रात के समय जब यह महल रोशनी से जगमगाता है तो पानी के बीच यह बहुत सुंदर दिखाई देता है। यह दृश्य सभी के मन को मोह लेता है।
11. भारतीय लोक कला म्यूजियम
उदयपुर में स्थित यह म्यूजियम एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। इस स्थल पर राजस्थानी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। साथ ही साथ इस म्यूजियम में मेवाड़ राज्य की कुछ वस्तुओं और कलाकृतियों को संभाल कर रखा गया है।
यह म्यूजियम कलाकारों के लिए शिक्षा का केंद्र है। यहां पर जाकर पर्यटक स्थानीय लोग कला के साहित्य के बारे में जान और समझ सकते हैं। यह एक ऐसी जगह है जहां पर आपको अपनी संस्कृति के बारे में बहुत कुछ जाने का मौका मिलेगा। ऐसी जगह पर पहुंच कर आप खुद को बहुत ही भाग्यवान समझेंगे। क्योंकि ऐसी अद्भुत कलाकारी और कला साहित्य आपको कहीं और नहीं मिलेगा।
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उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर (Udaipur Famous Temple in Hindi)
उदयपुर शहर में सिर्फ घूमने की ही सुन्दर जगह नहीं है बल्कि यहाँ के मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। यदि आप उदयपुर जा रहे है तो यहाँ के मंदिरों के दर्शन करना ना भूले।
मंदिर का नाम (Temple Name) | कब बना (When Built) | स्थान (Location) |
1. एकलिंगजी मंदिर | बप्पा रावल ने 734 ई ने बनवाया | कैलाशपुरी |
2. महाकालेश्वर मंदिर | 900 वर्ष पूर्व | रानी रोड, अंबामाता, उदयपुर |
3. श्री मंशापूर्णा करणी माता | सन् 1621-1628 के मध्य | मचला मगरा, दूध तलाई, उदयपुर |
4. श्री जगदीश मंदिर | सन् 1651 में महाराणा जगत सिंह ने | बारा पोल के पास सिटी पैलेस परिसर |
5. बोहरा गणेश मंदिर | 350 वर्ष पूर्व | बोहरा गणेश रोड, गणपति नगर |
6. नीमच माता मंदिर | महाराणा राज सिंह (1652-1680) | फतेह सागर रोड, शिल्पग्राम |
7. सहस्त्रबाहु मंदिर (सास-बहू मंदिर) | 9 से 10 वी शताब्दी में | सहेली मार्ग, मधुबन |
8. अंबामाता मंदिर | 9वी शताब्दी | हरिदास जी की मगरी, शवरी कॉलोनी |
उदयपुर कैसे पहुंचे? (How to Reach Udaipur)
उदयपुर राजस्थान राज्य का तक बहुत ही मुख्य शहर है इसलिए यह हर प्रकार से पुरे राज्य से जुड़ा है। आप यहाँ हवाई जहाज से, सड़क से या फिर रेल से भी आ सकते हैं।
1. सड़क मार्ग द्वारा (By Road)
उदयपुर शहर अच्छी तरह से राजस्थान एवं इसके करीब के राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ हैं। इस शहर को आने का यह तरीका सबसे सस्ता तथा बहुत सुविधाजनक भी हैं। कभी- कभी तो आप सड़क द्वारा ट्रेन से भी पहले उदयपुर पहुच सकते हो।
आप भारत के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, अहमदाबाद, इंदौर एवं राजस्थन के शहरों जयपुर, कोटा, अजमेर, चित्तोरगढ़ आदि से उदयपुर बस स्टैंड के लिए नियमित बसे ले सकते हैं।
आप आसानी से राजस्थान रोडवेज़ की बसों डीलक्स बसों एवं एसी बसों से उदयपुर बस स्टैंड पहुँच सकते हैं।
2. ट्रेन द्वारा (By Train)
राजस्थान के इस एतिहासिक शहर आने के लिए ट्रेन भी एक बहुत अच्छा माध्यम हो सकता हैं। उदयपुर रेलवे स्टेशन के लिए मुंबई, आगरा, अहमदाबाद, चित्तोरगढ़, दिल्ली, जयपुर आदि शहरों से नियमित तौर पर ट्रेन चलती हैं।
उदयपुर का रेलवे स्टेशन एअरपोर्ट के भी करीब है। एअरपोर्ट से ट्रेन स्टेशन की दूरी मात्र 22 किमी० होगी।
3. वायु मार्ग द्वारा (By Aeroplan)
यदि आप उदयपुर जाने के लिए सड़क मार्ग तथा ट्रेन के आलावा एयरोप्लेन के बारे में सोच रहे है तो यह रास्ता भी आपके लिए सही होगा। इस शहर में आप हवाई यात्रा करके भी आ सकते हैं तथा अपने पसंदीदा पर्यटन स्थलों को देखने का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
उदयपुर एअरपोर्ट शहर से पूर्व की ओर महज 20 किमी० की दूरी पर स्थित है। उदयपुर एअरपोर्ट को डबोक एअरपोर्ट या महाराणा प्रताप इंटरनेशनल एअरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस एअरपोर्ट के लिए आपको दिल्ली, मुंबई, कोलकत्ता, तथा हैदराबाद से घरेलू एयरलाइन जैसे – जेट एयरवेज, स्पाइसजेट, इंडिगो आदि की फ्लाइट मिल जाती हैं।
उदयपुर घूमने का सही समय (Right Time to Visit Udaipur)
अगर आप उदयपुर शहर के सभी दर्शन स्थलों को बिना किसी दुविधा के एक्सप्लोर करना चाहते है तो आपके लिए सर्दियों का समे सबसे अच्छे होगा। क्योंकि राजस्थान शहर में रेतीली भूमि अधिक होने के कारण यहाँ गर्मी अधिक होती हैं।
इसलिए यहाँ आने के लिए ऐसा समय सबसे अच्छा रहता है जब गर्मी अधिक न हो रही हो। अक्टूबर से मार्च तक का समय उदयपुर घूमने का सबसे सही समय होता है। यदि आप गर्मी में रह सकते तो आप अन्य किसी महीने में भी यहाँ आ सकते है क्योंकि इस समय भी पर्यटन स्थलों को देखने का अपना मजा हैं।
FAQ (सवाल-जबाब)
जबाब – एक व्यक्ति के लिए 2 से 3 दिन के लिए उदयपुर घूमने का खर्चा 5 से 7 हजार हो सकता हैं।
जबाब – उदयपुर में आप लेक पैलेस, बागोर हवेली, सहेलियों की बाड़ी आदि महल तथा कई प्रसिद्ध मंदिर घूम सकते है।
जबाब – उदयपुर घुमने के बाद आप इसके आस-पास चित्तोरगढ़ तथा माउंट-आबू शहर घूम सकते हैं।
जबाब – उदयपुर की फेमस मिठाई दिलजानी, मलाई घेवर, चूरमा, मूंग दाल हलवा, मावा कचोरी, संगम बर्फी, राबड़ी माल पुआ आदि हैं।
आज हमने क्या जाना?
आज के इस लेख में हमने उदयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल (Udaipur Tourist Places in Hindi) के बारें में जानकारी प्राप्त की। साथ ही में हमने उदयपुर के प्रसिद्ध मंदिर आदि के बारें में भी जाना।
हम उम्मीद करे है कि आपको उदयपुर में घूमने की जगह (Udaipur Me Ghumne Ki Jagah) के बारें में अच्छी तरह से पता चल गया होगा। ऐसी ही पोस्ट पढने के लिए हमारी वेबसाइट पर बार-बार आते रहे।
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