रानीखेत के 11 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल | Ranikhet Tourist Places in Hindi

रानीखेत के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Famous Ranikhet Tourist Places in Hindi) रानीखेत का इतिहास, कैसे जाए, पर्यटन स्थल खुलने का समय (History of Ranikhet in Hindi, Opening Time of Ranikhet Tourism Places in Hindi)

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रानीखेत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – Ranikhet Tourist Places in Hindi

आप इस लेख को पढ़ रहे है इसका मतलब आप कही घुमने जाने की योजना पर विचार कर रहे है। यदि आप शिमला, गोवा जैसी पर्यटन की जगह देख कर थक चुके है तो आपके लिए उत्तराखंड में घूमने लायक बहुत कुछ हैं। आप भारत के उत्तराखंड राज्य में मसूरी, हरिद्वार, नैनीताल में घूमने की जगह तथा रानीखेत जैसी कई अन्य सुन्दर जगह देख सकते हैं। आज हम आपके रानीखेत में आकर्षक स्थानों के बारे में बतायेंगे जहाँ आकर आपको लगेगा कि आप किसी और दुनिया में ही आ गए हैं। आइये जानते है रानीखेत में घुमने की जगह या रानीखेत के पर्यटन स्थलों (Ranikhet Tourist Places in Hindi) के बारे में –

रानीखेत का इतिहास संक्षेप में (Brief History about Ranikhet in Hindi)

रानीखेत कुमाऊँ क्षेत्र का ही एक अभिन्न अंग है। कुमाऊँ पर नेपालियो का अधिकार था जिसे ब्रिटिश सरकार ने 1916 में जीतकर अपने अधीन कर लिया था। जब कुमाऊँ अंग्रेजी सरकार के अधीन आया तब रानीखेत पर सरकार का ध्यान गया। एक समय तो ऐसा था की ब्रिटिश शासन ने रानीखेत में ग्रीष्मकालीन मुख्यालय बनाने की योजना भी बना ली थी, लेकिन बाद में इसे शिमला में बनाया गया। 1869 में अंग्रेजो ने रानीखेत में कुमाऊँ रेजिमेंट के मुख्यालय का निर्माण किया था जो अब भारत सरकार की फौजी छावनी हैं।

पर्यटन स्थल रानीखेत
जिला अल्मोड़ा
राज्य उत्तराखंड
आधिकारिक भाषा हिंदी
यहाँ क्या प्रसिद्ध हैं?सेना छावनी, मंदिर, पहाड़, म्यूजियम आदि
प्रमुख धर्म हिन्दू
क्षेत्रफल 21.76 किमी० वर्ग

रानीखेत का नाम कैसे पड़ा?

इस शहर का नाम रानीखेत पड़ने के पीछे बहुत ही रोचक कहानी हैं। कहा जाता है कि कत्युरी राजवंश के राजा सुधारदेव ने रानी पद्मिनी को प्रसन्न किया था। रानी पद्मिनी को यह जगह बहुत ही पसंद आई था उन्होंने यही रखने के मन बना लिया। रानी के यहाँ अपना निवास स्थान बनाने के कारन ही इस स्थान का नाम रानीखेत पड़ा। यद्दपि कहा जाता है कि रानी ने अपना यहाँ महल बनवाया था लेकिन महल या किसी राजशी ईमारत के यहाँ कोई साक्ष्य नहीं मिले।

रानीखेत के पर्यटन स्थल या रानीखेत में घुमने की मशहूर जगह (List of Ranikhet Tourist Places in Hindi)

रानीखेत में घुमने की जगह बहुत सुन्दर है आप यहाँ एक बारे आकर द्वारा अवश्य आना चाहेंगे। रानीखेत के सुन्दर पहाड़, हिमालय का सुन्दर नजारा, मदद करने वाले लोग तथा शांत वातावरण हर किसी को यहाँ बार-बार आने के लिए प्रेरित करता हैं। आइये जानते है रानीखेत के प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे में –

1. झूला देवी मंदिर (Jhula Devi Temple)

झूला देवी मंदिर रानीखेत के एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। इस मंदिर का निर्माण 8 वी सदी में किया गया था। कहा जाता है कि यह मंदिर आस-पास रहने वाले लोगो की पास के ही जंगल में निवास करने वाले घातक जानवरों से रक्षा करते है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहाँ जो भी सच्चे मन से कुछ देवी माँ से मांगता है उसकी इच्छा जरूर पूरी होती हैं। यदि आप रानीखेत में है तो इतने प्राचीन मंदिर को देखना व देवी माँ के दर्शन करना न भूले।

प्रवेश समय – सुबह 6 से शाम 6 बजे तक

प्रवेश शुल्क – मुफ्त

2. चौबटिया बगीचा (Chaubatia Garden)

चौबटिया उद्यान रानीखेत के सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाले स्थानों में से एक हैं। रानीखेत आने बाले अधिकतर पर्यटक चौबटिया उद्यान जाना जरूर पसंद करते है। 600 एकड़ में फैला यह बगीचा कई प्रकार के फलो के पेड़ो वसुन्दर फूलो से भरा हैं। यहाँ पर आपको नाशपाती, सेब, आडू तथा खुबानी आदि के पेड़ देखने को मिल जायेंगे। चौबटिया उद्यान की हरी-भरी सुन्दरता व भिभिन्न रंगों से रंगा बाग पिकनिक पर आने वालो के लिए बहुत ही लुत्फ़ उठाने वाला होने वाला हैं। इस बगीचे से आपको हिमालय की नंदा देवी, त्रिशूल, नीलकंठ आदि चोटियाँ भी दिखाई देती हैं।

प्रवेश समय – सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक

प्रवेश शुल्क – मुफ्त

3. उपट गोल्फ कोर्स रानीखेत (Golf Course)

एशिया के सबसे ऊँचे गोल्फ कोर्स में से एक रानीखेत में है जिसे उपट गोल्फ कोर्स के नाम से जाना जाता हैं। यह गोल्फ ग्राउंड गुलमर्ग के बाद एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स है। यही कारण है कि विदेशी पर्यटकों को यह बहुत पसंद आता हैं, यहाँ की हरी भरी घास व शांत वातावरण में गोल्फ खेलना भी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता हैं। इस गोल्फ मैदान की देख रेख का जिम्मा कुमाऊं रेजिमेंट का है जिस कारण यह सुरक्षा के पक्ष से भी बहुत अच्छा है।

प्रवेश समय – सूर्योदय से सूर्यास्त तक। यहाँ पर गोल्फ सुबह 9 बजे से 2 बजे तक खेल सकते हैं।

प्रवेश शुल्क – मैदान में प्रवेश करने के लिए कोई शुल्क नहीं है। लेकिन गोल्फ खेलने के लिए प्रति खेल के हिसाब से एक तय शुल्क देना होगा।

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4. आशियाना पार्क (Ashiyana Park)

जंगल थीम पर बनाया गया यह पार्क रानीखेत शहर के बीच में स्थित है। आशियाना पार्क हमेशा से ही सैलानियों व यहाँ के स्थानीय लोगो का पसंदीदा रहा है। आशियाना पार्क में बच्चों के लिए झूले लगे हुए है तथा बड़ो के लिए भी देखने के लिए बहुत कुछ है। उस पार्क में सुव्यवस्थित लॉन, जड़ी-बूटियों के बाग़ तथा फूलो के पेड़ आदि भी देखने को मिलते है।

प्रवेश समय – सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक

प्रवेश शुल्क – पार्क में प्रवेश करने के लिए आपको एक छोटा सा शुल्क देना होगा।

5. भालू बाँध (Bhalu Dam)

भालू डैम मानव निर्मित एक सुन्दर झील है जिसे ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया था। इस झील के पास आप सैर-सपाटे के लिए आ सकते है यहाँ से हिमालय के पर्वतों का भी बेहद खूबसूरत नजारा नजर आता हैं। प्रकर्ति से प्यार करने वाले लोगो को भालू डैम के आस –पास रहने में बहुत आनंदित महसूस होने वाला है।

प्रवेश समय – सुबह सूर्योदय से सूर्यास्त तक

प्रवेश शुल्क – मुफ्त

6. कुमाऊँ रेजिमेंट संग्रहालय रानीखेत (Kumaun Regiment Museum)

संग्रहालय देखने वालो के लिए भी रानीखेत में बहुत कुछ हैं। यहाँ भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजिमेंट द्वारा बनाया गया संग्रहालय है जिसे 1970 में निर्मित किया गया था। इस म्यूजियम में आपको प्रथम विश्व युद्ध की याद दिलाने वाली कई कृतिया रही हुई है तथा भारतीय सेना से जुड़ी हुई भी कई चीजे है। इस संग्रहालय में घूमने के लिए सभी को आना चाहिए जहाँ बड़े यहाँ राखी चीजो, तस्वीरे देखकर इतिहास के बारे में जानकारी पाते है वही बच्चे सेना व युद्ध के बारे में जानकर अपने देश के लिया गौरान्वित अनुभव करते हैं।

प्रवेश समय – सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक

प्रवेश शुल्क – प्रदत (मूल्य पर)

7. हैदाखान बाबाजी मंदिर (Haidakhan Babaji Temple)

यदि आप रानीखेत में किसी धर्मिक स्थल जाने की योजना बना रहे है तो हैदाखान बाबाजी मंदिर आपके लिए सर्वोत्तम स्थान में से एक होगा। इस मंदिर के निर्माण हैदाखान द्वारा किया गया था। नैनीताल के आस-पास के क्षेत्र में यह विश्वास किया जाता है कि हैडाखान भगवन शिव के ही एक अवतार थे। यह मंदिर रानीखेत में घूमने जाने वाले सबसे अधिक तीर्थ स्थलों में से एक है।

नवरात्रों के दिनों में इस मंदिर में आने का लुत्फ़ ही कुछ अलग होता है तथा शाम में भी मंदिर का द्रश्य बहुत प्यारा होता है। मंदिर परिसर में मंदिर के आलावा, बाबाजी कुटिया, श्री बाबा अनुसन्धान अस्पताल तथा इटालियन मंदिर भी है। यहाँ आप मंदिर को देखने के लिए व अच्छी ज़िन्दगी की मनोकामना करने के लिए जरूर आये।

प्रवेश समय – प्रात: सुबह से रात होने तक

प्रवेश शुल्क – मुफ्त

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8. मझखली (Majhkhali)

मझखली रानीखेत से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। यह एक चोटी है जहाँ से आप बहुत ही शानदार नजारा देख सकते हैं। मझखली से आप बर्फ से ढके हिमालय के पहाड़ देख सकते है जो बहुत की खूबसूरत दिखाई देते हैं। इस स्थान से आपको प्रसिद्ध त्रिशूल पर्वत भी दिखाई देता है जिसकी सोभा देखते ही बनती हैं। धार्मिक लोगो के देखने के लिए भी यहाँ प्रख्यात माँ काली मंदिर स्थित हैं।

अगर आप प्रकर्ति प्रेमी है या आपको साहसिक चीजे करना पसंद है तो भी मझखली आपके लिए बहुत ही बेमिशाल साबित होने वाला है। आप अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने, शहर के शोर-शराबे से दूर इस पर्यटन स्थल पर आ सकते है। ट्रेकिंग करने वालो के लिए भी यहाँ कई पैदल मार्ग बने हुए हैं।

प्रवेश समय – सुबह 7 बजे से साय: 7 बजे तक

प्रवेश शुल्क – मुफ्त

9. बिन्सर महादेव मंदिर (Binsar Mahadev Temple)

समुन्द्र तल से 2480 मीटर की उचाई पर स्थित बिन्सर महादेव मंदिर एक बहुत ही सुन्दर व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है, इसका निर्माण 10वी सदी में राजा पिथु ने करवाया था। राजा पिथु ने यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित किया तथा उनके मूर्त रूप को मंदिर में विराजमान किया जिन्हें बिन्देश्वर के नाम से पूजा जाता हैं। भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश, देवी गौरी व अन्य देवी की भी मूर्ति मन्दिर में विराजमान हैं।

मंदिर के द्रश्य की बात करे तो इसका परिसर बहुत ही सुन्दर हैं। भगवान शिव के इस मंदिर के परिसर में भिन्न रंगों के फूलो के साथ चीड व देवदार के वृक्ष भी मौजूद हैं। बिन्सार महादेव मंदिर में आकर मन तथा शरीर को जैसी शांति का अनुभव होता वह अकल्पनिय हैं।

प्रवेश समय – सूर्योदय से सूर्यास्त तक

प्रवेश शुल्क – मुफ्त

10. तारिखेत गाँव (Tarikhet Village)

तारिखेत एक छोटा सा गाँव है जो रानीखेत से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। तारिखेत पर्यटनो का एक बहुत ही प्रिय घूमने की जगह हैं पुरे देश भर से लोग यहाँ आनंदित होने के लिए आते हैं। यह गाँव एक पहाड़ी स्टेशन होने के साथ भारत के इतिहास से भी जुदा हैं। कहा जाता है कि भारत के गुलामी के दिनों में महात्मा गाँधी यहाँ पर आकर रुके थे।

महात्मा गाँधी जहाँ पर आकर रुके थे उस स्थान को गाँधी कुटिया के नाम से जाना जाता है। बहुत सारे सैलानी गाँधी कुटिया को देखने के लिए ही तारिखेत गाँव में आते हैं। इस गाँव का तापमान ठंड में बहुत ठंडा तथा गर्मी में बहुत सुहावना रहता हैं। मार्च से अक्टूबर का समय यहाँ आने के लिए बहुत अनुकूल हैं।

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11. सदर बाजार (Sadar Bazar)

रानीखेत आये और यहाँ का बाजार नहीं घूमे तो फिर क्या घूमे। सदर बाजार रानीखेत का एक बहुत ही जाना-माना बाजार है यहाँ खरीदारी करने वालो की अच्छी खासी भीड़ रहती हैं। पर्यटकों के लिए भी इस बाजार में देखने लायक बहुत कुछ हैं आप अपने घर के लिए सामान खरीद सकते हैं तथा कपड़े खरीद सकते हैं। भोजन करने के लिए भी यहाँ कई दुकाने उपलब्ध है जिन पर बड़ी ही स्वादिष्ट खाने-पीने की चीजे मिलती हैं।

बाजार खुलने का समय – सुबह 10 बजे से देर रात तक

रानीखेत कब जाना चाहिए? (Right Time to Go Ranikhet)

रानीखेत एक बहुत ही सुन्दर व आकर्षक पहाड़ी क्षेत्र हैं यहाँ पर वर्ष भर सैलानी आते ही रहते हैं। अगर आप रानीखेत में एक ऐसे समय में आना चाहते है जब आप यहाँ की हर चीज का जमकर लुत्फ़ उठा सकते हैं तो आपके लिए घूमने का सबसे बढ़िया समय मार्च से जुलाई होगा। जुलाई के बाद रानीखेत में वर्षा का मौसम शुरू हो जाती है, जिसमे आपको पहाड़ो के फिसलने, सड़को के धसने आदि जैसी समस्या का सामना कर पड़ सकता हैं।

यदि आप रानीखेत ऐसे समय जाना चाहते है जब आपको बर्फ देखने को मिले तो दिसम्बर के महीने का अंत में जाना आपके लिए बहुत ही उपयुक्त होगा। रानीखेत में दिसम्बर से फरबरी तक बर्फ गिरती हैं, तब यहाँ का मौसम बहुत ही ठंडा होता हैं। ठण्ड के मौसम में रानीखेत का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता हैं।

रानीखेत कैसे जाए? (How to Go Ranikhet)

रानीखेत जाने के लिए सड़क मार्ग ही सबसे सही व सटीक रास्ता हैं और अन्य मार्गो के लिए यहाँ से सीधा जुड़ाव नहीं हैं। आइये जानते है देश भर से रानीखेत किस तरह आया जा सकता है।

वायु मार्ग द्वारा

रानीखेत में आम लोगो के लिए कोई भी एयरपोर्ट नहीं है यदि आप भारत के किसी भी कोने से हवाई जहाज दद्वारा रानीखेत आन चाहते हैं तो आप पंतनगर हवाई अड्डा व देहरादून जॉली ग्रांट हवाई अड्डा पहुँच सकते हैं जो रानीखेत से क्रमश: 119 किलीमीटर व 300 किलोमीटर है।

रेल मार्ग द्वारा

हवाई जहाज के ही जैसे कोई रेल भी सीधे रानीखेत तक नहीं जाती हैं। अगर आप रेल द्वारा रानीखेत पहुँचना चाहते है तो आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुँच सकते हैं। काठगोदाम से आपको रानीखेत के लिए आसानी से टैक्सी मिल जाएगी। रानीखेत से काठगोदाम की दूरी मात्र 44 किमी० हैं।
नीचे हम आपके लिए दो ऐसी रेलों के बारे में बता रहे है जिनसे आप दिल्ली से सीधे काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुँच सकते हैं।

1). 15013/14 रानीखेत एक्सप्रेस – रानीखेत एक्सप्रेस से आप दिल्ली से शुगमता से काठगोदाम रेलवे स्टेशन आ सकते हैं। रानीखेत एक्सप्रेस उत्तराखंड के काठगोदाम से राजस्थान के जैसलमेर तक जाती व वापस काठगोदाम आती हैं।

2). 15035 यूटीआर संपर्क के. एक्सप्रेस (15035 UTR Sampark K Express) – 15035 यूटीआर संपर्क के. एक्सप्रेस प्रत्येक दिन पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम 4 बजे काठगोदाम के लिए प्रस्थान करती हैं। यह ट्रेन दिल्ली से रामनगर तक जाती है।

सड़क मार्ग द्वारा

सड़क के द्वारा रानीखेत कई रास्तो से जाया जा सकता है। यदि आप दिल्ली से रानीखेत जाना चाहते है तो आप राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पर होते हुए पहुँच सकते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पंजाब के मलोट से शुरू होकर दिल्ली, मुरादाबाद, नैनीताल, रानीखेत होता हुआ उत्तराखंड के पित्थोरागढ़ तक जाता हैं। आप देहरादून व हरिद्वार से भी रानीखेत आसानी से पहुँच सकते हैं।

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FAQ (सवाल-जबाब)

सवाल – रानीखेत कौन से जिले में पड़ता है?

जबाब – रानीखेत उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले का एक शहर हैं।

सवाल – हरिद्वार से रानीखेत कितना किलोमीटर है?

जबाब – यदि आप राष्ट्रीय राजमार्ग 734 से जाते है तो हरिद्वार से रानीखेत की दूरी लगभग 270 किलोमीटर है।

सवाल – रानीखेत छावनी की स्थापना कब हुई?

जबाब – रानीखेत छावनी की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा सन 1869 में की गयी थी।

आज हमने क्या जाना?

आज हमने रानीखेत पर्यटन स्थल (Ranikhet Tourist Places in Hindi), रानीखेत में घूमने की मशहूर जगह आदि के बारे में विस्तार से जाना। रानीखेत में घूमने की जगह बहुत खूबसूरत है यदि आप किसी पहाड़ी क्षेत्र में पिकनिक पर जाने की सोच रहे है तो रानीखेत अवश्य आये। आशा है आपको रानीखेत के पर्यटन स्थलों की आवश्यक जानकारी प्राप्त हो गयी होगी।

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