[ROM] रोम क्या है जाने इसके बारे में सबकुछ | ROM in Hindi

रोम क्या है (ROM in Hindi) रोम के प्रकार, रोम के उपयोग, लाभ एवं नुकसान, रोम की फुल फॉर्म (ROM Kya Hai, Uses, Advantages and Disadvantages, Full Form of ROM in Hindi)

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रोम क्या है – ROM in Hindi

कोई भी कंप्यूटिंग उपकरण जैसे लैपटॉप, मोबाइल या टेबलेट खरीदने से पहले हमारे दिमाग में संशय रहता है कि हमे क्या देख के यह सब खरीदना चाहिए। जिन लोगो को जानकारी है वो कंप्यूटर या मोबाइल खरीदते समय रैम, रोम, प्रोसेसर आदि के बारे में अवश्य पता करते है। कोई भी कंप्यूटिंग उपकरण को लेना ही मुख्य काम नहीं होता है, असली काम होता है जब हम उस डिवाइस को चलाते है उसकी परफॉरमेंस तो नहीं गिरती।

किसी भी कंप्यूटर आदि उपकरणों की परफॉरमेंस का सीधा कनेक्शन रैम, रोम एवं प्रोसेसर आदि से होता है। आज हम कंप्यूटर आदि कंप्यूटिंग उपकरणों में मौजूद सबसे मुख्य हार्डवेयर रोम के बारे में बात करने वाले है। आइये जानते है रोम क्या है (ROM in Hindi) तथा इसकी जानकारी रखना इतना आवश्यक क्यों होता है?

रोम क्या है (ROM Kya Hai)

रोम डेटा को स्टोर करने की एक मैमोरी होती है जिसे कंप्यूटर आदि डिवाइस में मदरबोर्ड के साथ लगाया जाता है। रोम एक ऐसी मैमोरी है जो डेटा को स्थायी रूप से (Permanently) सुरक्षित करके रखती है। स्थायी रूप से डेटा के संरक्षण का मतलब होता है डेटा को एक बार मैमोरी में भरकर बदला नहीं जा सकता।

चलिए ROM Kya Hai इसे विस्तार से जानने के लिए कुछ उदहारणों से समझते है। सबसे पहले हमे यह बात स्पष्ठ होनी चाहिए कि रोम में जानकारी पहले से ही स्टोर रहती है, जिसे बदला नहीं जा सकता।

उदहारण 1 – उदहारण के लिए मान लेते है एक बोतल है जो पानी से पूरी तरह से भरी हुई है। इस बोतल को खोला नहीं जा सकता, यदि खोलने का प्रयास किया गया तो अन्दर भरा सारा पानी बेकार हो जाएगा। बिलकुल रोम भी ऐसी ही है उसमे भी डेटा या सूचना भरी होती है उसे खोलने मलतब डेटा को बदलने का प्रयास करने पर पूरा डेटा बेकार हो जाता है।

उदहारण 2 – आप सभी ने टीवी को ओन करने के लिए तथा डिश के चैनल बदलने के लिए रिमोट का इस्तेमाल जरूर किया होगा। आपने देखा होगा जब आप ओन करने वाला बटन दबाते है तो टीवी चालू हो जाता है ऑफ करने वाला बटन दबाने पर टीवी ऑफ हो जाता है। ऐसे ही जब आप डिश में चैनल बदलने के लिए जिस भी नंबर 1,2,3,4.. आदि को दबाते है वही चैनल लगा जाता है।

क्या आपने कभी सोचा है कि टेलीविज़न करने बटन टीवी बंद क्यों नहीं कर सकता एवं बंद करने वाला चालू क्यों नहीं कर सकता। ऐसी ही चैनल बदलते वक्त 2 दबाने पर दुसरे नंबर के चैनल पर ही लगेगा तीसरे चैनल पर नहीं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रिमोट के अन्दर रोम मैमोरी होती है जिसमे डेटा को साफ़ निर्देश दिए होते है कि इस बटन को दबाने पर यह कम होगा। आप चाह कर भी टीवी बंद करने वाले बटन से टीवी चालू नहीं कर सकते। रिमोट बनाने वाली कंपनी ने जैसे आपके रिमोट या वाशिंग मशीन में डेटा भर दिया वह वैसे ही काम करेगा।

आशा करते है कि उपरोक्त दो उदहारण से आपको स्पष्ठ हो गया होगा कि रोम क्या है (ROM in Hindi). यदि अभी भी कुछ संदेह है तो आप लेख को पढ़ते रहे जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे आपके सभी संदेह दूर होते चले जायेंगे।

अब बाजार में कुछ ऐसी रोम मैमोरी भी आ गयी है जिनके डेटा में कुछ हद तक बदलाव किया जा सकता है। परन्तु रोम की सूचना में परिवर्तन करना बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसा करने के लिए आपके पास प्रोग्रामिंग का गहन ज्ञान एवं आवश्यक उपकरण होने ही चाहिए।

रोम की फुल फॉर्म (ROM Full Form in Hindi)

रोम (ROM) का पूरा नाम रीड ओनली मैमोरी (Read Only Memory) होता है।

रोम को रीड ओनली मैमोरी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सूचना को केवल पढ़ सकती है इसमें कोई परिवर्तन नहीं कर सकती।

रोम कैसे कार्य करता है (Working Process of ROM in Hindi)

रोम के बारे में हम तभी पूर्णता: से जान पाएंगे जब हमे पता होगा कि यह कैसे काम करती है आइये जानते है रोम की कार्य करने की प्रक्रिया –

रैम का कार्य करने का तरीका रोम से काफी अलग होता है क्योंकि रैम ट्रांजिस्टर से बना होता है जबकि रोम में डायोड होता है। जब हम कंप्यूटर चालू करते है तो सबसे पहले बायोस (BIOS – Basic Input Output System) चालू होता है जो रोम के अन्दर ही सम्मलित होता है। आप कह सकते हा कंप्यूटर चालू होने पर जो सबसे पहला सॉफ्टवेयर चलता है BIOS होता है।

इस सॉफ्टवेयर में ही कंप्यूटर को चालू या बंद करने के निर्देश भरे होते है जैसे कि ऑपरेटिंग सिस्टम को रैम में लोड करना आदि। प्रत्येक रोम इसी प्रकार कार्य करती है इसमें आपके कंप्यूटर के चालू होने से बंद होने तक यानी फर्मवेयर अपडेट के निर्देश रहते है।

रोम के उपयोग (Uses of ROM in Hindi)

रोम के कई उपयोग है इसी कारण यह मोबाइल एवं कंप्यूटर में ही नहीं बल्कि कई अन्य उपकरणों में भी इस्तेमाल होती है। आइये जानते है रोम के कुछ महत्वपूर्ण उपयोगो एक बारे में –

  • रोम का सबसे जरुरी उपयोग होता है एक नॉन-वोलेटाइल मैमोरी की तरह कार्य करने में। मतलब रोम में पॉवर बंद हो जाने पर भी आपका डेटा सुरक्षित रहता है।
  • मोबाइल का इस्तेमाल कंप्यूटर, लैपटॉप एवं मोबाइल आदि कंप्यूटिंग उपकरणों में किया जाता है।
  • कम्युनिकेशन उत्पादों में रोम का उपयोग किया जाता है ।
  • डिजिटल कैमेरो में
  • GPS व ट्रैकिंग उपकरणों आदि में रोम मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है।
  • टेस्टिंग उपकरणों में।
  • रोम का इस्तेमाल टेलीविज़न सेट टॉप बोक्स में होता है।
  • नेटवर्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम में।
  • सॉफ्टवेर ऑपरेटिंग सिस्टम में उपयोग ओता है।
  • MP3 प्लेयर्स आदि में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

हमने यहाँ कुछ ही रोम के उपयोग के बारे में बात की। रोम के ऐसे ही ना जाने कितने महत्वपूर्ण उपयोग हमारी रोज-मर्रा के जीवन में काम आने वाली डिवाइसो में होता है।

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रोम के प्रकार (Types of ROM in Hindi)

उत्पादन, संरचना एवं डेटा के अनुसार रोम को कई भागो में बाँटा गया है। रोम के कुछ प्रकार निम्नलिखित है –

1. मास्क रीड ओनली मेमोरी (MROM in Hindi)

MROM जिसका पूरा नाम Mask Read-Only Memory भी है यह एक डेटा के साथ तैयार होने वाली मैमोरी चिप होती है। डेटा के साथ तैयार होने का मतलब होता है इस रोम में निर्देश इसे बनाने वाली कंपनी द्वारा डाले जाते है। इस रोम को आप बिना डेटा के नहीं खरीद सकते एवं अपनी मनचाही कोड इसमें नहीं डाल सकते।

इन चिप में एक सॉफ्टवेयर मास्क होता है जिसे सेमीकंडक्टर निर्माण प्रक्रिया के डिजाइन चरण के दौरान चिप पर जला दिया जाता है।

मास्क रीड ओनली मेमोरी (MROM) के अनुप्रयोग –

मास्क रीड ओनली मैमोरी का प्रयोग निम्नलिखित के लिए किया जाता है –

  • नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम में MROM का इस्तेमाल किया जाता है
  • सर्वर ऑपरेटिंग के सिस्टम्स में भी इसका उपयोग किया जाता है
  • संगीत के इलेक्ट्रॉनिक यंत्रो में मास्क रीड ओनली मैमोरी का उपयोग होता है।
  • लेजर प्रिंटर के फॉन्ट के भण्डारण के लिए भी इसका उपयोग होता है।

MROM के लाभ

मास्क रीड ओनली मैमोरी को इस्तेमाल करने का जो सबसे बड़ा फायदा है वह है इसके निर्माण में आने वाली लागत। MORM को बहुत ही कम कीमत पर उत्पादित किया जा सकता है।

MROM के नुकसान

मास्क रोम को उपयोग करने का जो सबसे बड़ा नुकसान दिखाई देता है वो इसके डिजाईन में आने वाली त्रुटि। यदि मास्क रोम के डिजाईन में किसी तरह की कोई त्रुटि आ जाती है तो यह रोम बेकार हो जाएगी क्योंकि उस त्रुटि को ठीक नहीं किया जा सकता। मास्क रोम ज्यादा समय तक काम नहीं कर सकती मतलब इन्हें कुछ समय बाद बदलने की आवश्यकता पड़ सकती है।

2. प्रोग्रामेबल रीड ओनली मैमोरी (PROM)

PROM एक ऐसी मेमोरी चिप होती है जिसे One Time Programmable Chip भी कहा जाता है क्योंकि इसमें डेटा को एक ही बार प्रोग्राम किया जा सकता है। एक बार पीरोम में डेटा को प्रोग्राम करने के बाद मिटाया नहीं जा सकता।

इस मैमोरी में छोटे-छोटे फ्यूज होते है जिनके अन्दर प्रोग्रामिंग कर निर्देशों को डाला जाता है, जिन्हें द्वारा अपडेट नही किया जा सकता। PROM में सूचना को स्थायी रूप से लिखने के लिए जो प्रोग्रामिंग की जाती है उसे बर्निंग कहा जाता है। इस स्थाई डेटा को डालने या प्रोग्रामिंग करने के लिए जिस मशीन का इस्तेमाल किया जाता है उसे PROM Burner कहते है।

प्रोग्रामेबल रीड ओनली मैमोरी का उपयोग डिजिटल उपकरणों में डेटा को हमेशा के लिए सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। इस मैमोरी को बिना कोई डेटा निर्देश भरे तैयार किया जाता है मतलब आप PROM को बाजार से खरीद कर ला सकते है एवं उसमे अपना डेटा लोड कर सकते है। जबकि MROM को डेटा के साथ तैयार किया जाता है मतलब आप बाजार से खाली मास्क रोम नहीं ला सकते।

प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (PROM) के अनुप्रयोग

प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (PROM) के कई अनुप्रयोग है जिनमे से कुछ निम्नलिखित है –

  • प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी विडियो गेम कंसोल में उपयोग की जाती है।
  • इस मैमोरी का प्रयोग रेडियो आवृत्ति पहचान टैग में किया जाता है।
  • मोबाइल फ़ोन में इस मेमोरी का उपयोग किया जाता है।
  • प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी HD मल्टीमीडिया के इंटरफ़ेस में भी इस्तेमाल की जाती है।

PROM के लाभ

प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी के कुछ लाभ निम्नलिखित है –

  • चूँकि हम बाजार से खाली PROM को खरीद कर ला सकते है मतलब इसमें हम मनचाहे निर्देशों की प्रोग्रामिंग कर सकते है। जबकि मास्क रोम निर्देशों या डेटा से भरी आती है जिन्हें बदला नहीं जा सकता।
  • प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी की प्रोग्रामिंग कई सॉफ्टवेर की सहायता से की जा सकती है जिसका मतलब आपको इसमें डेटा डालने के लिए चिप पर हार्ड वायरिंग की प्रोग्रामिंग करने की जरुरत नहीं है।
  • एक बार डेटा को PROM में निर्देशित करने के बाद इसे बदला नहीं जा सकता, जिस कारण कोई भी आपके डेटा से छेड़खानी नहीं कर सकता।

PROM के नुकसान

प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी को उपयोग करने के कुछ फायदे है तो इसके कुछ नुकसान भी है। जिनमे से कुछ नुकसान नीचे बताए गए है

  • प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी को बनाना मास्क रोम बनाने के मुकाबले खर्चीला होता है।
  • इस चिप का जो सबसे बड़ा फायदा है वही इसका सबसे बड़ा नुकसान है। क्योंकि PROM के डेटा में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता, इसलिए कोई कमी आने पर ये मेमोरी व्यर्थ हो जाती है। इसका डेटा मिटाया नहीं जा सकता इसी कारण इसे द्वारा से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता।

3. इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EPROM in Hindi)

EPROM को आप PROM का अगल वर्जन कह सकते है। जैसे की हम जानते है प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (PROM) में डेटा को एक बार भरने के बाद मिटाया नहीं जा सकता जबकि इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EPROM) में डेटा को मिटाया जा सकता है।

EPROM में निर्देशों को मिटाना कोई आसान बात नहीं है। इस मेमोरी चिप से डेटा को मिटाने के लिए मैमोरी पर लगभग 40 से 50 मिनट तक अल्ट्रावायलेट किरणों को पास किया जाता है तब कही जाकर डेटा को मिटाया जाता है। अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रभाव की बजह से चिप अपनी प्रारम्भिक अवस्था में पहुच जाती है, जिससे हम इस में कोई भी नए निर्देशों को भर सकते है। इस मैमोरी से डेटा को कई बार मिटाया जा सकता है तथा कई बार लिखा जा सकता है लेकिन बार-बार ऐसा करने से मेमोरी ख़राब हो सकती है।

इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EPROM) के अनुप्रयोग

इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EPROM) को निम्नलिखित तरीको से उपयोग किया जा सकता है –

  • नए प्रोग्राम के विकास में इस चिप का प्रयोग किया जाता है।
  • डिबगिंग के लिए भी इस मेमोरी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • कंप्यूटर में BIOS (Basic Input/Output System) के रूप में इसका उपयोग होता है।
  • माइक्रो कंट्रोलर में प्रोग्राम स्टोर करने वाली चिप के रूप में इसका उपयोग किया जाता है।
  • विडियो कार्ड, मॉडेम एवं कई इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रो में भी इस मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है।

EPROM के लाभ

इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EPROM) के कई सारे लाभी है जिनमे से कुछ निम्नलिखित है –

  • अगर PROM की कीमत देखे तो उसके मुकाबले EPROM की कीमत कम पड़ती है।
  • पॉवर बंद कर देने पर भी इस मैमोरी से डेटा डिलीट नहीं होता।
  • इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी में से जानकारी को डिलीट किया जा सकता है, जिस कारण हमारी मेमोरी बिल्कुल नए जैसे काम करने लगती है ।
  • EPROM में कोई त्रुटि आने पर ना केवल डेटा को मिटाया जा सकता है बल्कि नए डेटा या निर्देशों को द्वारा डाला जा सकता है।

EPROM के नुकसान

इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EPROM) की कुछ हानि भी है जो इस प्रकार है –

  • EPROM से जानकारी को मिटाने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है एवं समय भी बहुत लगता है।
  • इस मैमोरी के डेटा को किसी कुशल इंसान द्वारा ही मिटाया जा सकता है।
  • इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी से हम कोई विशेष निर्देश को नहीं मिटा सकते बल्कि पूरी मैमोरी ही डिलीट करनी पड़ती है।
  • मैमोरी में डेटा डिलीट करने या प्रोग्रामिंग करने के लिए इसे कंप्यूटर से बाहर निकालना पड़ता है।
  • EPROM में उपयोग किये जाने वाले ट्रांजिस्टर का प्रतिरोध अधिक होता है जिस कारण स्थैतिक बिजली की खपत अधिक होती है

4. इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EEPROM)

EEPROM का पूरा नाम Electrically Erasable Programmable Read Only Memory है। यह है तो बिल्कुल EPROM की तरह लेकिन इसे EPROM की त्रुटियाँ को खत्म करने के लिए बनाया गया है। हम जानते है कि इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी में डेटा को मिटाने के लिए अल्ट्रावायलेट किरणों की आवश्यकता पड़ती है लेकिन इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी में डेटा को सिर्फ बिजली की सहायता से मिटाया जा सकता है।

जहाँ EPROM में अल्ट्रावायलेट किरणों से निर्देशों को डिलीट करने में 40 से 50 मिनट लग जाते है वही EEPROM में देता को बिजली से मिटाने में मुश्किल से 5 से 10 मिलिसेकंड लगते है। इस चिप की शानदार बात यह है कि आप चुन कर के जानकारी को डिलीट कर सकते है एवं जो जानकारी आपको डिलीट नहीं करनी उसे मेमोरी में ही रहने दे सकते है।

इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (EEPROM) के अनुप्रयोग

इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी (ईईपीरोम) को कई तरह से उपयोग किया जाता है जिनमे से कुछ नीचे उल्लेखित है –

  • टेस्टिंग उपकरणों में द्वारा से जानकारी को भरने में
  • EEPROM का उपयोग डिजिटल कैमरों तथ MP3 प्लेयर्स में किया जाता है।
  • इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी को इस्तेमाल कंप्यूटर बायोस (BIOS) चिप के रूप में किया जाता है।
  • रिमोट से संचालित होने वाले ट्रांसमीटर में खुद से सीखने की कार्यक्षमता के डेटा को भरने के लिए इस मैमोरी का उपयोग किया जाता है।

EEPROM के लाभ

इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी के कुछ फायदे नीचे उल्लेखित किया गए है –

  • EEPROM रैम की तरह ही डेटा को पढ़ सकता है एवं उसमे बदलाव भी कर सकते है इसलिए इसे हाईब्रिड मैमोरी भी कहा जाता है।
  • EPROM में एक कोडिंग में त्त्रुटि आने पर पूरी मैमोरी को डिलीट करना पड़ता है जबकि EEPROM में किसी एक कोडिंग में त्रुटि होने पर आप केवल उस कोडिंग को चुनकर डिलीट कर सकते है। इस मेमोरी में पूरी जानकारी को मिटने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • इस चिप को आप जितनी बार चाहे उतनी बार डिलीट कर सकते है तथा प्रोग्राम कर सकते है।
  • इसमें से डेटा को आसानी से बिजली से और बहुत जल्दी मिटाया जा सकता है।
  • मैमोरी में डेटा को परिवर्तित करने के लिए किसी बाह्य उपकरण की जरुरत नहीं है।

EEPROM के नुकसान

इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी के कुछ नुकसान है जिनमे से कुछ इस प्रकार है –

  • इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी में डेटा को केवल एक निश्चित समय तक के लिए ही सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • अगर EEPROM की कीमत की बात करे तो यह अन्य प्रकार की रोम से बहुत महँगी है। यही कारण है कि जिन उपकरणों में इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी लगी होती है वो बहुत उच्च दाम पर मिलती है।
  • डेटा को मिटाने, पढने तथा लिखने के लिए भिभिन्न वोल्टेज की आवश्यकता होती है जिसका अनुमान लगाना कोई शुगम कार्य नहीं होता।

5. फ्लैश रीड ओनली मेमोरी (Flash ROM)

फ़्लैश रोम को आप इलैक्ट्रिकली इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी का ही एक रूप कह सकते है। फ़्लैश रोम में भी आप डेटा को मिटा सकते है एवं फिर से प्रोग्राम कर सकते है। इसको कंप्यूटर में स्टोरेज माध्यम के रूप में उपयोग किया जाता है आजकल इस रोम का इस्तेमाल बहुत बढ़ा है।

फ्लैश मेमोरी के उपयोग (Uses) –

फ़्लैश रोम को कई उपकरणों में प्रयोग किया जाता है जिनमे से कुछ निम्नलिखित है –

  • सेल फ़ोन में फ़्लैश मैमोरी का उपयोग किया जाता है।
  • नोटबुक कंप्यूटर में
  • कम्युनिकेशन उत्पादों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • मेडिकल उत्पादों में इस्तेमाल।
  • ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम जिसे GPS के नाम से अधिक जाना जाता है उसमे इस रोम का इस्तेमाल किया जाता है।
  • डिजिटल कैमरों में इसका उपयोग होता है ।
  • टेलीविज़न सेट-टॉप बॉक्स में फ़्लैश रोम का इस्तेमाल होता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिकल यंत्रो में उपयोग
  • MP3 प्लेयर्स में इस्तेमाल किया जाता है।
  • पर्सनल कंप्यूटर में फ़्लैश रोम का उपयोग होता है।

ऐसी ही न जाने फ़्लैश मैमोरी के कितने अनुप्रयोग है सिक्योरिटी सिस्टम्स, सॉलिड स्टेट डिस्क ड्राइव तथा नेटवर्किंग उत्पादों आदि में इसका उपयोग बहुत अधक मात्रा में होता है।

फ़्लैश रोम के लाभ –

फ्लैश रीड ओनली मेमोरी के कई लाभ है जिनकी बजह से इस मैमोरी का इस्तेमाल बहुत अधिक होने लगा है। आइये जानते है फ़्लैश रोम के कुछ लाभ –

  • फ़्लैश रोम भी अन्य रोम की ही तरह पॉवर चले जाने पर भी डेटा को सुरक्षित रखती है।
  • इस मेमोरी की डेटा ट्रान्सफर स्पीड बहुत अधिक होती है।
  • इस प्रकार की रोम अधिक समय तक चलती है जिसका कारण होता है इलेक्ट्रोकेमिकल प्रक्रिया। फ़्लैश रोम में कोई भी घूमने वाला पार्ट नहीं होता जिस कारण यह एक स्थान पर स्थिर रहती है। यही बजह है इनके टूट जाने का खतरा बहुत कम होता है।
  • फ़्लैश रोम मैमोरी को यदि परफॉरमेंस की द्रष्टि से भी देखा जाये तो यह इसमें टॉप रोम में शुमार है।
  • फ्लैश रीड ओनली मेमोरी को सबसे विश्वसनीय रोम कहा जाता है। पिछले 60-70 वर्षो से हार्ड डिस्क में सुधार किये जा रहे है फिर भी यह इतनी विश्वसनीय नहीं जितनी फ़्लैश रोम है।
  • फ़्लैश रोम क्षमता में भी बहुत आगे है। इसके संचालन में बहुत कम उर्जा खर्च होती है तथा शोर भी कम होता है।
  • फ़्लैश रोम कई फॉर्म में आती है जिस करना इनका कम जगह वाले उपकरण जैसे मोबाइल में आसानी से उपयोग किया जा सकता है।

फ्लैश रोम की हानि –

वैसे तो फ़्लैश रोम के लाभों की लिस्ट बहुत लम्बी है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है जो निम्न है –

  • यदि परम्परागत हार्ड डिस्क ड्राइव की बात करे तो फ़्लैश मैमोरी उनसे काफी महंगी है। यही बजह है कि छोटे व्यापारी फ़्लैश मैमोरी के बजाए हार्ड डिस्क ड्राइव उपयोग करना पसंद करते है।
  • फ़्लैश मैमोरी की कुशलता तो बेहतर होती है लेकिन इनमे अधिक सूचना लिखना इनकी क्षमता में कमी करता है।
  • फ़्लैश रोम कई वर्षो तक चलती है लेकिन ट्रांजिस्टर में उच्च वोल्टेज लगाने पर ये घटती जाती है।
  • इसमें डेटा पढ़ने एवं लिखने की संख्या सीमित होती है।

*हमने यहाँ पर रोम के सभी प्रकारों के बारे में विस्तार से वर्णन किया है। आशा करते है आपको रोम कितने प्रकार होते हैं समझाइए? जैसे प्रश्न का उत्तर अच्छे से मिल गया होगा आइये अब जानते है रोम की विशेषताओं एवं फायदों के बारे में

रोम की विशेषताएँ (Characterstics of ROM in Hindi)

रोम की कई विशेषताएँ है जो इसे अन्य प्रारंभिक मैमोरी से अलग बनाती है। आइये डालते है नजर रोम की विशेषताओ पर –

  • रोम एक स्थायी मैमोरी होती है जिसका मतलब है बिजली चले जाने पर भी आपके कंप्यूटर की रोम में सुरक्षित डेटा नष्ठ नहीं होता। जबकि रैम में सुरक्षित डेटा पॉवर बंद कर देने पर नष्ठ हो जाता है।
  • रोम केवल अपने अन्दर स्टोर सूचना को पढ़ सकती है यह सूचना में कोई बदलाव नही कर सकती।
  • रैम की तुलना में रोम काफी सस्ती होती है।
  • रोम मैमोरी का निर्माण करना आसान होता है।
  • रोम मेमोरी डेटा की प्रोसेसिंग मे बहुत कम उर्जा दोहन करती है।

रोम के फायदे (Advantages of ROM in Hindi)

रोम को उपयोग करने का कई फायदे है जिनमे से कुछ इस प्रकार है

  • यह स्थाई प्रकर्ति की होती है जिसका मतलब है इसे बार-बार रिफ्रेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
  • रोम की विश्वशनीयता रैम के मुकाबले अधिक है।
  • रोम पॉवर के बंद हो जाने पर देता को सुरक्षित रखती है इसका डेटा रैम की तरह नष्ठ नहीं होता।
  • इसमें डाले गए डेटा को बदला नहीं जा सकता इसलिए बहुत ध्यान से इसमें सूचना का भण्डारण किया जाता है। ऐसे कई रोम आती है जिनका डेटा बदला जा सकता है लेकिन यह करना शुगम नहीं होता।
  • अन्य प्रारंभिक मेमोरी के मुकाबले रोम को खरीदना सस्ता होता है।

हमने यहाँ रोम के कुछ फायदों के बारे में बात की। इसे उपयोग करने के कई और लाभ है इसलिए ज्यादातर कंप्यूटिंग डिवाइस में इसकी बहुत उपयोगिता है।

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FAQ (रोम के बारे में सवाल-जबाब)

मोबाइल में रैम रोम का मतलब क्या होता है?

रैम का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मैमोरी एवं रोम का पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी होता है। रैम दूसरी मैमोरी से डेटा को एक्सेस कर चलाती है जबकि रोम में डेटा पहले से ही भरा होता है जो मोबाइल की अधिकतर क्रियाए करने में मदद करता है।

रोम कितने प्रकार होते हैं समझाइए?

रोम मुख्यत: पाँच प्रकार के होते है! जिनके नाम MROM, PROM, EPROM, EEPROM तथा Flash ROM है।

कैश मेमोरी क्या होती है विस्तार से समझाइए?

कैश मेमोरी (Cache Memory) एक अस्थायी मेमोरी होती है जो बहुत तेज कार्य करती है आप जब मोबाइल में WhatsApp पर किसी को मेसेज लिखते है तो आपने ध्यान दिया होगा कि कुछ शब्द खुद ही आ जाते है। जैसे आप अपना पहला नाम लिखते है तो आपका उपनाम दिखाई देता है यह सब कैश मैमोरी का ही कार्य होता है।

आज हमने क्या जाना?

आज हमने ROM in Hindi के इस आर्टिकल में रोम क्या है (ROM Kya Hai), रोम के प्रकार, रोम के उपयोग, रोम के लाभ आदि के बारे में विस्तार से जाना। हम आशा करते है आपको यह जानकारी बहुत पसंद आई होगी। इस पोस्ट में कुछ तकनीकी शब्द है यदि आपको किसी शब्द को समझने में दिक्कत आती है तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते है।

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