भैया लाल व्यास का जीवन परिचय | Vindhya Kokil Bhaiya Lal Vyas Biography In Hindi

विंध्य कोकिल भैया लाल व्यास का जीवन परिचय/जीवनी, जन्म, रचनाएँ, परिवार, मृत्यु (Vindhya Kokil Bhaiya Lal Vyas Biography in Hindi, Birth, Composition, Death, Family)

vindhya-kokil-bhaiya-lal-vyas-jeevan-parichay-biography-hindi
विंध्य कोकिल भैया लाल व्यास का जीवन परिचय

कोई भी क्षेत्र हो या कोई भी काम हो यदि उस करने वाला, उस काम के प्रति विश्वास व दिलचस्पी रखता हैं तो वह इस संसार पर अपनी एक सकारात्मक छाप छोड़ ही जाता हैं। हम में से कई लोग होंगे जिनकी दिलचस्पी संगीत, खेल, पेंटिंग, एक्टिंग, आदि में होगी, परन्तु यह बहुत कड़वा सच हैं कि हम में से बहुत कम लोग अपनी रुचि को करियर बनाकर अच्छी जिंदगी जी पाएंगे। अपनी रुचि के अनुसार चलने में कोई ना कोई अड़चन आ ही जाएगी, या तो हमारी आर्थिक स्तिथि या फिर पारिवारिक उलझन।

लेकिन फिर भी कुछ लोग जिंदगी में इतनी समस्या होने पर भी अपने दिल की सुनते हैं तथा लोगो को अपने काम से अचंभित कर देते हैं। ऐसे ही एक प्रसिद्ध इन्सान हैं भैया लाल व्यास। जिन्होंने अपनी खराब आर्थिक स्तिथि को पीछे छोड़कर हिंदी साहित्य व कविता के क्षेत्र में सफलता पाई। भैया लाल व्यास एक गरीब परिवार से सम्बन्ध रखते थे फिर उन्होंने अपने लाखो चाहने वालो के दिलो में एक जगह बनायीं। आइये जानते हैं इनके बारे में सबकुछ इस भैया लाल व्यास का जीवन परिचय लेख से।

भैया लाल व्यास का जीवन संक्षेप में (Brief Introduction)

पूरा नाम विंध्य कोकिल भैया लाल व्यास
उपनाम भैया लाल व्यास
जन्म 07 सितम्बर, 1918
जन्म स्थान दतिया, मध्यप्रदेश, भारत
मृत्यु 12 दिसम्बर, 2012
राष्ट्रीयता भारतीय
प्रसिद्ध हैं?हिंदी साहित्य में योगदान के लिए
व्यवसाय Co-operative बैंक में उच्च अधिकारी, रचियता
धर्म हिन्दू
शिक्षा एम० ए० (मास्टर ऑफ आर्ट्स)
विश्वविधालय नागरी प्रचारणी आगरा
आँखों का रंग काला
बालों का रंग सफ़ेद

कौन हैं भैया लाल व्यास (Vindhya Kokil Bhaiya Lal Vyas)

यदि आप उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र से सम्बन्ध रखते हैं तो आप भैया लाल व्यास का जीवन परिचय से भली-भांति परिचित होंगे ही। विंध्य कोकिल भैया लाल व्यास एक कला प्रेमी थे जिनकी रूचि हिंदी साहित्य में थी। इन्होने कई हिंदी कृतिया लिखी हैं जो साहित्य के क्षेत्र में बहुत नामी हुई हैं। भैया लाल व्यास ने ना केवल हिंदी की रचनायो में सोहरत पाई हैं, इसके आलावा उन्होंने बुंदेली रचनायो में भी अच्छा नाम कमाया हैं। उन्होंने बुंदेली में हरदोल पर जो कविता रचित की थी, उससे इनको बहुत ख्याति प्राप्त हुई।

जब भैया लाल व्यास ने अपना कवि करियर शुरू किया था, तब बुंदेलखंड में कवि सम्मेलनों को इतनी ख्याति प्राप्त नहीं हुई थी। मुश्किल से ही कोई कवि सम्मेलन होता, और यदि होता तो लोग देखने ही नहीं आते थे। परन्तु भैया लाल व्यास जी के परिश्रम से धीरे-धीरे कवि सम्मेलनों में लोग रूचि दिखाने लगे, एवं अच्छी खासी भीड़ जुटने लगी।

एक समय ऐसा भी आया कि भैया लाल व्यास जी की कविता सुनने के लिए सम्मेलनों में जगह कम पड़ने लगी थी। यही कारण हैं कि भैया लाल जी को बुंदेलखंड में कवि सम्मेलन की शुरुआत का श्रेय दिया जाता हैं।

भैया लाल व्यास का प्रारम्भिक जीवन (Early Life)

भैया लाल व्यास जी का जन्म 7 सितम्बर, सन 1918 (हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद शुक्ल 2, संवत 1975) को हुआ था। इनका जन्म स्थान मध्यप्रदेश का छोटा सा गाँव दतिया हैं। इनके पिता जी का नाम बालकृष्ण व्यास था। लाल व्यास जी का जीवन बचपन से ही बड़ा संघर्षपूर्ण रहा हैं, इनका संघर्ष तब शुरू हुआ जब इनके बचपन में ही इनके पिता बालकृष्ण जी की मृत्यु हो गई। इनकी माता जी ने इन्हें बड़ी ही कठनाइयो से पाला, इनका घर बड़ी मुश्किल से चल पाता था।

भैया-लाल-व्यास-जीवन-परिचय
भैया लाल व्यास जी युवावस्था में अपने बच्चे के साथ

घर की बिगड़ी स्तिथि देखते हुई भैया लाल व्यास जी ने बचपन में ही छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिय, ताकि वह अपनी माता का हाथ बंटा सके। इन्होने दो-जून की रोटी कमाने के लिए कई काम किये तथा अपनी शिक्षा पर भी बहुत ध्यान दिया। व्यास जी साहित्य की और रूचि नें इन्हें 16 वर्ष की आयु में ही कवि बना दिया-।

शिक्षा (Education)

भैया लाल व्यास जी बचपन से ही बहुत परिश्रमी थे, ऐसा ही परिश्रम इन्होंने अपनी शिक्षा के प्रति दिखाया। इन्होने अपनी प्रारम्भिक पढाई छतरपुर में मन लगाकर की तथा स्कूल के होशियार छात्रों में रहे। यहाँ इन्होने संस्कृत व हिंदी का गहन अध्ययन किया।

पढाई के ही वक्त उनका मन हिंदी साहित्य की और झुक गया था, तथा वह साहित्य पढ़ने में रूचि लेन लगे। आगे चलकर उन्होंने अपनी रूचि के अनुसार नागरी प्रचारणी आगरा महाविद्यालय से साहित्य में ही एम. ए. किया।

भैया लाल व्यास जी का व्यक्तिगत जीवन (Personal Life)

भैया लाल व्यास जी ने अपने संघर्ष के दौर में ही कुंती जी से शादी कर ली थी कुंती व्यास जी ने भैया लाल जी का हमेशा हर अच्छी-बुरी परिस्तिथि में साथ दिया।

भैया लाल जी व कुंती व्यास जी के तीन बच्चे हुए। उनकी नाती प्रीति व्यास आज भी हिंदी साहित्य के साथ जुडी हुई हैं तथा लाल व्यास जी के जैसे ही हिन्दी कवितायों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास कर रही हैं।

👉 यह भी पढ़े >

भैया लाल व्यास जी को प्राप्त हुए सम्मान (Rewards & Honors)

भैया लाल व्यास जी ने हिंदी साहित्य की उन्नति में बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं। इन्हें इनके अभूतपूर्व कार्यो के लिए राज्य सरकारों, केंद्र सरकारों, व देशी-विदेशी साहित्यक संस्थाओ द्वारा कई बार सम्मानित किया गया हैं। आइये जानते हैं इनको इनके साहित्यक योगदान के लिय मिले कुछ सम्मानो के बारे में –

  1. भैया लाल जी को हिंदी साहित्य के सबसे उच्च सम्मानों में से एक मैथिलीशरण गुप्त पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
  2. अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मलेन (बंगलोर अधिवेशन) में भैया लाल जी को भारत भाषा भूषण से सम्मानित किया गया।
  3. भैया लाल जी को “साहित्य महोपाध्याय” हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज (इलाहाबाद) की सर्वोच्च मानद उपाधि से भी पुरुस्कृत किया गया हैं।
  4. इनको इनके साहित्यक योगदान के लिए एशियन राइटर्स “Who is Who” में भी स्थान दिया गया।
  5. व्यास जी को कई बार उत्क्रष्ट रचनायों के लिए मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा सम्मानित किया गया।
  6. मध्यप्रदेश लेखक संघ द्वारा ”अक्षर आदित्य” अलंकरण सम्मान से अभिभूत किया गया।
  7. व्यास जी को मानस म्रगेश पुरुस्कार से भी सम्मनित किया गया।
  8. भैया लाल व्यास जी ने हिंदी रचनायो के आलावा बुंदेली रचनायो पर भी बहुत काम किया, जिसके लिय इन्हें बुंदेलखंड अकेडमी द्वारा भी सम्मानित किया गया।

भैया लाल जी को उनके पुरे जीवन काल में ऐसे ही कई महत्वपूर्ण पुरुस्कारों से सम्मनित किया गया।

भैया लाल व्यास जी की कुछ महत्वपूर्ण रचनाएँ (Creation)

भैया लाल व्यास जी हिंदी साहित्य के वह मोती थे जो साहित्य को अपनी आखिरी साँस तक चमकाते रहे। उन्होंने निर्वाण को प्राप्त होने तक कई कृतियो की रचना की हैं जिनमे से कुछ बेहद प्रसिद्ध हैं। उनके रचनाएँ जीवन के क्रम, पुण्यभूमि बुंदेलखंड, विजयदशमी (खंड काव्य), तुम मत रोना बहुत प्रख्यात हैं।

कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ संक्षेप में –

क्रम संख्या प्रसिद्ध रचनाएँ
1. विजयादशमी (खंड काव्य)
2. सांझ – सकारे
3. आग-पानी (पुस्तक)
4. जीवन के क्रम
5. पूण्यभूमि बुंदेलखंड
6. देश के देवता
7. तुम मत रोना
8. गीतों मे चार ऋतुएँ
9. रस वृन्दावन (महाकाव्य)
10. जागो मेरा देश
11. सीता सत्यम (प्रबंध काव्य)
12. चोर के छंद
13. माँ ममतामयी

FAQ (सवाल-जबाब) –

सवाल – विंध्य कोकिल भैया लाल व्यास की कोई तीन महत्वपूर्ण रचनाएँ

जबाब – विजयादशमी (खंड काव्य), जीवन के क्रम, पूण्यभूमि बुंदेलखंड आदि भैया लाल व्यास की कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

सवाल – भैया लाल व्यास के गुरु कौन थे?

जबाब – बालमुकुन्द दर्जी इनके गुरु थे जो झाँसी के मऊरानीपुर में रहा करते थे।

सवाल – क्या भैया लाल व्यास ने बुंदेलखंड में कवि सम्मेलन की शुरुआत का थी?

जबाब – हाँ , भैया लाल जी को बुंदेलखंड में कवि सम्मेलन की शुरुआत का श्रेय दिया जाता हैं।

आज हमने क्या जाना ?

आज हमने हिंदी साहित्य के रचनाकर विंध्य कोकिल भैया लाल व्यास का जीवन परिचय जाना। इन्होने कई रचनाएँ की, जो लोगो को बेहद पसंद आई। इन्होने बुंदेलखंड में कवि सम्मेलनों को उनके सर्वौच स्थान पर भी पहुँचाया।

उम्मीद हैं कि आपको विंध्य कोकिल भैया लाल व्यास की जीवनी बेहद पसंद आई होगी। यदि आप किसी और महानुभव की जीवनी पढ़ना चाहते हैं तो हमे कमेंट करके अवश्य बताए।

अन्य पोस्ट पढ़े –

Leave a Comment