सुनील सोनी का जीवन परिचय | Sunil Soni Biography in Hindi

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सुनील सोनी का जीवन परिचय

वो कहते हैं ना संगीत की कोई सीमा नहीं होती संगीत कहीं से भी आकर किसी के भी द्वारा कर सभी के दिल में अपनी जगह बना सकता है हम सभी बचपन से बहुत बड़े नामी संगीतकारों को सुनकर बड़े हुए हैं बॉलीवुड के ऐसे कई संगीतकार है जिन्होंने हमारे दिलों पर एक गहरी छाप छोड़ी हैं। ऐसे बहुत से प्रभावशाली गायक हुए हैं जो बॉलीवुड जैसी बड़ी इंडस्ट्री से नहीं आए फिर भी उन्होंने इस दुनिया को बहुत अच्छा संगीत दिया है तथा उन्हें लोगों का प्यार भी भर-भर कर मिला हैं ऐसे ही एक गायक, व संगीतकार है सुनील सोनी।

सुनील सोनी को छत्तीसगढ़ी गायकी में जितना प्यार मिला हैं शायद ही किसी और गायक को मिला हो। आइए जानते हैं कैसे छत्तीसगढ़ राज्य का यह गायक अपनी मधुर आवाज के कारण पूरे भारत के लोगों के दिलों पर राज कर रहा है।

सुनील सोनी का जीवन परिचय संक्षेप में (Sunil’s Brief Introduction)

पूरा नाम सुनील वेणुकुआर सोनी
जन्म नवागढ़ गाँव, दुर्ग जिला (छत्तीसगढ़)
पिता वेणुकुआर सोनी
पेशा गायक, गीतकार व संगीतकार
गुरु जागेश्वर प्रसाद देवांगन व अन्य
म्यूजिक एल्बम बनानी शुरू की?सन् 1990 में
फिल्मो में गाना शुरू किया सन् 2001 से

कौन है सुनील सोनी – Sunil Soni Jeevan Parichay

सुनील सोनी छत्तीसगढ़ सिनेमा का एक बहुत प्रसिद्ध चेहरा है छत्तीसगढ़ सिनेमा को “छोलीवुड” के नाम से भी जाना जाता है। सोनी छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध गायक व गीतकार हैं। सुनील सोनी ने ना सिर्फ छत्तीसगढ़ी सिनेमा में गीतों द्वारा योगदान दिया है। बल्कि इन्होंने कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा भी मनवाया है। सुनील सोनी के गाने मोर मन के सुवा उड़ाते, भोली सुरतिया तोर नैना, झर झर गिरे पानी जिया, आदि गानों ने बहुत धूम मचाई थी।

सुनील सोनी का प्रारंभिक जीवन (Early Life)

सुनील सोनी का जन्म छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले के “नवागढ़” गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम वेणुकुआर सोनी हैं। सोनू एक गरीब परिवार से आते हैं। उन्हें बचपन से ही संगीत का बहुत शौक था। लेकिन उनके पास अपने शौक को करियर बनाने के लिए संसाधन मौजूद नहीं थे। अपनी बेसिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद सुनील सोनी ने संगीत मे करियर बनाने की ठान ली तथा छत्तीसगढ़ सिनेमा मतलब छोलीवुड की तरफ अपना रुख किया।

सुनील सोनी ने संगीत कहां से सीखा (Music Career Starting)

सुनील सोनू को बहुत ही कम उम्र में पता चल गया था की उन्हें संगीत की दुनिया में ही अपना नाम बनाना है। इसी को देखते हुए उन्होंने अपने पिता वेणुकुआर सोनी से अपनी संगीत सीखने की इच्छा जाहिर की। उनके पिताजी ने थोड़ा सोच विचार करने के बाद उन्हें संगीत करने की सीखने की आज्ञा दे दी। जागेश्वर प्रसाद देवांगन को सुनील सोनी का पहला गुरु माना जाता है। सुनील सोनी ने शास्त्रीय संगीत व हारमोनियम बजाने की शिक्षा जागेश्वर प्रसाद देवांगन जी से ही ली थी।

जागेश्वर प्रसाद जी से संगीत के अहम गुणों को सीखने के बाद सुनील सोनी संगीत में और अधिक जानने के लिए भिलाई चले गए। भिलाई में उन्होंने संगीत गुरु जे एस परमार से सुगम संगीत की शिक्षा ली। उन्होंने अपने गुरु की हर एक बात को माना तथा एक अच्छा शिष्य बन कर दिखाया आज भी अपने गुरुओं का नाम पूरे देश भर में रोशन कर रहे हैं।

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सुनील सोनी का गायक के रूप में सफर (Sunil Soni as a Singer)

जैसे कि हर एक उस कलाकार को नीचे से ऊपर आने के लिए मेहनत करती करनी पड़ती है जिसका संबंध किसी भी प्रसिद्ध कलाकार से नहीं होता। बिल्कुल उसी तरह सुनील सोनी भी बिल्कुल नीचे से शुरुआत करके आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। सुनील सोनी ने बड़ी ही कठिनाइयों में अपना संगीत करियर शुरू किया था। सुनील सोनी अपनी गायकी करियर की शुरुआत छत्तीसगढ़ी म्यूजिक इंडस्ट्री से करना चाहते थे। लेकिन बहुत बार प्रयास करने के बावजूद उन्हें छोलीवुड फिल्मों में काम करने का अवसर नहीं मिला।

ऐसा होने के बावजूद भी सुनील सोनू ने बिल्कुल भी हार नहीं मानी तथा उन्होंने संगीत एल्बम में काम करने की सोची। सुनील सोनी ने अपने गानों की एल्बम बनाना शुरू किया, धीरे-धीरे उनके गाने लोगों को बहुत पसंद आने लगे तथा वह छत्तीसगढ़ का एक नामी चेहरा बनने लगे । उनकी म्यूजिक एल्बम सफलता को देखते हुए, उन्हें छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री में भी काम मिलने लगा तथा उन्होंने कई फिल्मों के लिए गाने गाए है।

सुनील सोनी अपने गानों की नई नई एल्बम लेकर आते रहते हैं तथा छत्तीसगढ़ राज्य के लोगों को अपने गानों से मनमोहित करते रहते हैं। सुनील सोनी 1500 से अधिक एल्बम गाने बना चुके हैं तथा अभी भी अपने चाहने वालों के लिए और अधिक गाने बनाने के लिए प्रयासरत है।

सुनील सोनी का फिल्मों में सफर (Movie’s Career)

जैसे ही सुनील सोनी की म्यूजिक एल्बम छत्तीसगढ़ में हिट होने लगी वैसे-वैसे छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री का ध्यान उनकी तरफ जाने लगा। फिर एक दिन वह मौका आ ही गया जिसका इंतजार सुनील सोनी को बचपन से था । छत्तीसगढ़ फिल्म इंडस्ट्री के बड़े चेहरों में से एक डायरेक्टर सतीश जैन ने सुनील सोनी को अपनी फिल्म में पार्श्व गायक के रूप में पहला मौका दिया। बस एक यही मौका था जिससे सुनील सोनी हॉलीवुड का एक अहम हिस्सा बन गए आज सुनील सोनी 20 से अधिक छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अपना संगीत दे चुके हैं तथा 50 से अधिक छोलीवुड फिल्मों में प्लेबैक गायक के रूप में अपना योगदान दे चुके हैं।

सुनील सोनी के कुछ प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गाने (Famous Songs)

क्रम संख्यागाने का नाम (बोल)
1. मोरे मन के सुवा उड़ाते..
2. बंधे रहे डोरी पिरीत..
3. मोर माया के डोर…
4. कुछ खोना हैं कुछ पाना..
5. लागे रे लागे रे मोर जिया..
6. देख कर तोला हाय रे सजनिया…
7. तोर छुनर-छुनर पैरी की…
8. हर घड़ी हर पल…
9. आज संवरेगी गोरी…
10. देखत रहिथव तक लगा के…

आज हमने क्या जाना ?

आज हमने छत्तीसगढ़ गायक सुनील सोनी का जीवन परिचय जाना। उनके जीवन परिचय से पता चलता है कि कैसे कोई भी इंसान कैसी भी परिस्थिति से आकर सफलता को प्राप्त कर सकता है तथा लोगों के दिलों पर राज कर सकता है। सुनील सोनी का जीवन उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो सोचते हैं कि सिर्फ बड़ी इंडस्ट्री ही आपको सफलता दिला सकती है। उन्होंने दिखाया है कि बड़ी फिल्म इंडस्ट्री या म्यूजिक इंडस्ट्री किसी कलाकार को बड़ा नहीं बनाते बल्कि कलाकार किसी इंडस्ट्री को बड़ा बनाते हैं।

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